भारत का शिक्षा बजट बढाना जरूरी: प्रो0 सीएनआर राव - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 16 जनवरी 2017

भारत का शिक्षा बजट बढाना जरूरी: प्रो0 सीएनआर राव

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वाराणसी, 16 जनवरी, भारत रत्न एवं जाने माने वैज्ञानिक सी0 एन0 आर0 राव ने देश का शिक्षा बजट बढ़ाने के साथ ही वैज्ञानिक शोधों पर समुचित ध्यान देने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि सरकार यदि ऐसा करने में सफल हुई तो भारत को विकसित देशों की बराबरी या उससे आगे निकलने में देर नहीं लगेगी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के आज 99वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर सांबोधित करने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि देश का शिक्षा बजट बढ़ाने से वैज्ञानिक शोधों के लिए प्रयोगशालाओं की समुचित व्यवस्था की गई तो यहां के युवा वैज्ञानिक भारत को अमेरिका, चीन, दक्षिण कोरिया और जापान को भी पीछे छोड़ सकते हैं। जानेमाने वैज्ञानिक प्रो0 राव ने कहा कि भारत में शिक्षा बजट फीसदी 2.5 है, जबिक दक्षिण कोरिया शिक्षा पर आठ फीसदी खर्च करता है। उन्होंने बताया कि चीन में हर साल विज्ञान और तकनीकी पर 22,000 शोध होते हैं, जबिक भारत महज 8000 शोध। उन्होंने वर्तमान परारंभिक शिक्षा व्यवस्था की स्थिति को चिंताजनक बताते हुए कहा कि विद्यालयों में शिक्षक-छात्र अनुपात में काफी अंतर है, जिसे जल्द दूर किया जाना चाहिए। दीक्षांत समारोह में प्रो. राव ने कहा कि विश्वविद्यालय में पुनः आकर उन्हें अत्यधिक खुशी की अनुभुति हो रही है क्योंकि यहीं से 19 वर्ष की आयु में स्नातकोत्तर परीक्षा पास कर उन्होंने अपने उच्च शैक्षणिक जीवन की शुरूआत की थी। उन्होंने कहा कि बीएचयू वास्तविक रूप में एक राष्ट्रीय विश्वविद्यालय है तथा इसका परिसर विश्व के सभी विश्वविद्यालयों में अप्रतिम है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा विश्वविद्यालय है, जहाँ कविता, संगीत, कला, विज्ञान, अभियांत्रिकी आदि सभी विषयों का अध्ययन होता है। इसकी सम्पूर्णता को सदैव बनाये की कामना करते हुए उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के संस्थापक भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय इसे शिक्षण के साथ-साथ शोध और मौलिकता के क्षेत्र में भी अग्रणी केन्द्र बनाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि सर्वश्रेष्ठ भारत का निर्माण सर्वश्रेष्ठ संस्थानों से होगा और सर्वश्रेष्ठ संस्थानों का निर्माण सर्वश्रेष्ठ अध्यपकों और सर्वश्रेष्ठ छात्रों से होगा।

श्री राव ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय श्रेष्ठ विचार, उत्कृष्ठ शोध, श्रेष्ठ मौलिक कार्य का केन्द्र है। उन्होंने विद्यार्थियों से कभी भी हताश न होने और समर्पण भाव से कार्य करने को सफलता का मूल मंत्र बताया। उन्होंने उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों को सुखद भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हुए मानवीय मूंल्यों के प्रति सजग रहने की अपील की। बीएचयू के कुलपति प्रो0 गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि प्रो. राव महान शिक्षाविद् और वैज्ञानिक होने के साथ ही इस विश्वविद्यालय के पुरातन छात्र भी है और इस बात का विश्वविद्यालय परिवार को अत्यधिक गर्व है। विश्वविद्यालय परिसर के एम्फीथियेटर में आयोजित समारोह की शुरूआत शोभा यात्रा के पंडाल स्थल पर प्रवेश के साथ हुई। प्रो. त्रिपाठी ने वर्ष 2016 की विभिन्न परीक्षाओं में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पदक प्रदान किये गये। विज्ञान संकाय की कु. शिखा दुबे को स्नातकोत्तर परीक्षा सर्वोच्च अंक प्राप्त करने के लिये चांसलर पदक, स्व. महाराजा विभूतिनारायण सिंह स्वर्ण पदक तथा बी.एच.यू. स्वर्ण पदक प्रदान किये गये। संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के चन्द्र कान्त पाण्डेय को स्नातक में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने के लिये चांसलर पदक, स्व. महाराजा विभूतिनारायण सिंह स्वर्ण पदक तथा बी.एच.यू. स्वर्ण पदकों से सम्मानित किया गया। इनों विद्यार्थियों के अलावा 24 अन्य विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक प्रदान किये गये। दीक्षांत समारोह में कुल 10614 विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों एवं कक्षाओं की उपाधियां प्रदान की गई। इन में तीन डी-लिट, 459 पीएचडी, 31 एमफिल, 4457 स्नात्कोत्तर, 5664 स्नातक की उपाधियां शामिल हैं। 

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