समाजवादी पार्टी कांग्रेस गठबन्धन ने उत्तर प्रदेश के चुनाव को बनाया दिलचस्प - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 22 जनवरी 2017

समाजवादी पार्टी कांग्रेस गठबन्धन ने उत्तर प्रदेश के चुनाव को बनाया दिलचस्प

sp-congress-alliance-mke-up-election-interesting
लखनऊ, 22 जनवरी, समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के गठबन्धन से उत्तर प्रदेश राज्य विधानसभा का चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है और ज्यादातर सीटों पर हार जीत का अन्तर काफी कम होने के आसार हो गये हैं। सपा और कांग्रेस ने आज यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन कर गठबंधन की औपचारिक घोषणा की। राज्य विधानसभा की कुल 403 सीटों में से 298 पर सपा उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे जबकि 105 पर कांग्रेस अपने प्रत्याशी उतारेगी। सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने संवाददाताओं से कहा कि उनका गठबंधन साम्प्रदायिक तत्वों को सत्ता से बाहर रखेगा। अखिलेश यादव के नेतृत्व में गठबंधन की सरकार बनेगी। अभी यह तय नहीं है कि सरकार बनने की स्थिति में कांग्रेस उसमें शामिल होगी या नहीं। इस बारे में राजबब्बर ने ‘यूनीवार्ता’ से कहा, “अभी हमारे सामने 300 से अधिक सीटों को जीतने का लक्ष्य है। सरकार बनी तो कांग्रेस उसमें शामिल होगी।” मुख्यमंत्री अखिलेश ने भी कई बार कहा है कि कांग्रेस से गठबंधन होने पर 300 सीटें जीतेंगे। गठबन्धन के बारे में सभी राजनीतिक दल अपने अपने ढंग से व्याख्या कर रहे हैं, लेकिन सच्चाई है कि चुनाव दिलचस्प होगा। कई सीटों पर हार जीत का अन्तर भी काफी कम रहेगा। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार गठबन्धन होने से गैर भाजपा मतों में ज्यादा विभाजन नहीं होगा। इससे सपा और कांग्रेस दोनो को फायदा होगा, हालांकि इससे भाजपा को थोडा नुकसान होने की सम्भावना है। उधर भाजपा का कहना है कि लडाई त्रिकोणात्मक होने पर ही उसके उम्मीदवारों को फायदा होगा। सीधी लडाई में उसके प्रत्याशी को हानि ही होगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि गठबन्धन की वजह से कांग्रेस और सपा दोनो की ताकत बढेगी और दोनो मिलकर सरकार बनाने में सफल होंगे। भाजपा के प्रदेश महासचिव विजय बहादुर पाठक का कहना है कि अखिलेश यादव ने गठबन्धन कर चुनाव से पहले ही अपनी कमजोरी साबित कर दी। पूर्ण बहुमत की सरकार चला रहे थे तो गठबन्धन की बात क्यों की। क्या उन्हें अपने विकास कार्यों पर भरोसा नहीं रह गया। अब तो सपा अखिलेशमय है, फिर भी गठबन्धन कर मुख्यमंत्री ने यह साबित कर दिया कि सपा कमजोर हुई है और वह चुनाव अपने दम पर लडने में सक्षम नहीं है। 

श्री पाठक ने कहा कि सपा और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) दोनों के नेता कहने लगे हैं कि गठबन्धन ही भाजपा को सत्ता में आने से रोक सकती हैं। इसका मतलब राज्य में चल रही सरकार पूरी तरह असफल साबित हुई है। राजनीतिक दृष्टि से जो पार्टी मजबूत होती है उसी के खिलाफ सारे दल बोलते हैं। वर्ष 2012 में बसपा के खिलाफ भाजपा और सपा बोलते थे और इस समय सपा ,कांग्रेस और बसपा तीनों ही भाजपा के खिलाफ बोल रहे हैं।  इसका मतलब है कि भाजपा की स्थिति मजबूत है और वह सत्ता में आ रही है। उनका दावा है कि भाजपा अपनी कार्यकर्ताओं के बल पर और जनता के समर्थन से 300 सीटों पर जीत हासिल करेगी। दूसरी ओर राजनीतिक विश्लेषक राघवेन्द्र का कहना है कि कांग्रेस की नजर 2017 पर कम 2019 पर ज्यादा है। इस चुनाव में गठबन्धन के जरिये वह अपनी ताकत बढाना चाहती है ताकि उसे 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में इसका फायदा मिले। श्री राघवेन्द्र का कहना है कि गठबन्धन और बसपा उम्मीदवारों के मजबूती से लडने पर चुनावी लडाई त्रिकोणात्मक होगी। इसका फायदा भाजपा को मिल सकता है क्योंकि भाजपा विरोधी मत दो या दो से अधिक उम्मीदवारों में बटेंगे। शायद ही कोई सीट ऐसी होगी जिसपर चुनाव परिणाम आने से पहले निश्चित रूप से यह कहा जा सके कि ‘ फला’ उम्मीदवार ही जीतेगा। 

कोई टिप्पणी नहीं: