कटक, 20 जनवरी, इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे वनडे में अपनी सर्वश्रेष्ठ पारी खेलने वाले हरफनमौला खिलाड़ी युवराज सिंह ने कहा है कि एक समय तो वह संन्यास की सोच रहे थे लेकिन विराट कोहली ने उनपर भरोसा दिखाया और वह फिर से मैदान में लौटने में सफल रहे। मैन आफ द मैच बने युवराज ने कहा कि कैंसर से जूझने के बाद एक समय तो उन्होंने क्रिकेट से संन्यास लेने का मन बना लिया था लेकिन विराट कोहली ने उन पर विश्वास जताया। युवराज ने तीन साल बाद क्रिकेट के मैदान पर लौटते हुए गुरुवार को इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे वनडे में 150 रन की अपनी सर्वाेच्च पारी खेली। युवराज ने मैच समाप्ति के बाद कहा,“ जब आपको टीम और कप्तान का भरोसा हासिल हो तो आत्मविश्वास आ ही जाता है। विराट ने मुझ पर काफी भरोसा दिखाया है और मेरे लिए यह काफी अहम है कि ड्रेसिंग रूम में लोगों को मुझ पर भरोसा है।” युवराज ने अपना आखिरी शतक 2011 के विश्वकप में चेन्नई में जड़ा था। 35 वर्षीय सिक्सर किंग ने कहा,“ एक समय ऐसा भी था जब मुझे लगने लगा था कि मुझे खेलते रहना चाहिए या नहीं। हालांकि कई लोगों ने इस सफर में मेरी मदद की। मेरा हौसला बनाए रखा। फिर मेरा सिद्धांत तो कभी हार नहीं मानने का रहा है। मैं कभी हार नहीं मानता। मैं मेहनत करता रहा और मुझे पता था एक दिन समय जरुर बदलेगा।” युवी ने 127 गेंदों में 150 रन की अपनी सर्वोच्च पारी में 21 चौके और तीन गगनचुंबी छक्के उड़ाए और भारत को 381 रन के विशाल स्कोर तक पहुंचाया। युवी ने इस बार के रणजी सत्र में भी अच्छा प्रदर्शन किया था जहां उन्होंने गत वर्ष अक्टूबर में बड़ौदा के खिलाफ अपने करियर की 260 रन की सर्वाेच्च पारी खेली थी। उन्होंने कहा,“ घरेलू सत्र में मैंने बल्ले से अच्छा प्रदर्शन किया था। मैंने संजय बांगड़ से कहा था कि अगर मैं गेंद को हिट करता हूं तो मैं बड़ा स्कोर बना सकता हूं।” युवराज को टीम में शामिल किये जाने को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिली थी। उन्होंने इस संदर्भ में कहा,“ ना तो मैं ज्यादा अखबार पढ़ता हूं और ना ही ज्यादा टीवी देखता हूं। इसलिए मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि कौन क्या कहता है। मैं सिर्फ अपने खेल पर ध्यान देने की कोशिश कर रहा था और मैंने वैसा ही किया।”
शुक्रवार, 20 जनवरी 2017
मैं तो संन्यास की सोच रहा था : युवराज
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