भारत-रवांडा के बीच तीन एमओयू , नवाचार विकास कार्यक्रम शुरू - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 21 फ़रवरी 2017

भारत-रवांडा के बीच तीन एमओयू , नवाचार विकास कार्यक्रम शुरू

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किगाली, 21 फरवरी, अपने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने की दिशा में एक कदम और बढ़ाते हुए भारत तथा रवांडा ने तीन सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये, जिनमें दोनों देशों के बीच सीधी विमान सेवा शामिल है। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने ‘इंडिया-रवांडा इनोवेशन ग्रोथ प्रोग्राम’ की शुरुआत भी की, जिसका उद्देश्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवोन्वेषण के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच संबंधों को और प्रगाढ बनाना है। किगाली कन्वेंशन सेंटर में फिक्की एवं रवांडा विकास बोर्ड (आरडीबी) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित भारत-रवांडा बिजनेस फोरम में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और रवांडा के प्रधानमंत्री अनस्तासे मुरुकेजी की उपस्थिति में एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये। भारत की ओर से विदेश मंत्रालय में सचिव अमर सिन्हा ने और रवांडा की ओर से तीन अलग-अलग मंत्रियों ने हस्ताक्षर किये। भारत और रवांडा के बीच सीधी विमान सेवा से संबंधित एमओयू के अलावा जिन दो अन्य सहमति ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये गये, उनमें किगाली में एंटरप्रेन्यूरशिप डेवलपमेंट सेंटर (ईडीसी) की स्थापना करने तथा राजनयिक या सरकारी पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा छूट देने संबंधी एमओयू शामिल हैं। उपराष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि सीधी उड़ान सेवा से न केवल कारोबारी वर्ग, बल्कि आम लोग भी लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि रवांडा से भारत में पढाई के लिए कम से कम 500 छात्रों को प्रति वर्ष वीजा उपलब्ध कराया जाता है। इतना ही नहीं इलाज आदि के लिए भी रवांडा के लोग भारत आते हैं। उन्होंने कहा, “रवांडा के अनेक नागरिक इलाज के लिए भारत जाते हैं और वहां से संतुष्ट होकर आते हैं। इतना ही नहीं भारत गुणवत्ता युक्त एवं किफायती शिक्षा के लिए रवांडा के विद्यार्थिंयों के लिए प्राथमिकता वाला देश बनता जा रहा है।भारत-रवांडा नवाचार विकास कार्यक्रम शुरू करने से एक ऐसा माहौल कायम होगा जिसमें भारतीय नवाचारों एवं प्रौद्योगिकी से रवांडा को काफी लाभ होगा और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार भी बढ़ेगा।” श्री अंसारी ने कहा कि रवांडा 1994 में हुए नरसंहार की भयानक घटना की काली साया को पीछे छोड़ चुका है और विकास एवं समृद्धि के पथ पर बढ़ चला है। किगाली शहर को देखकर तो ऐसा ही लगता है। उन्होंने कहा कि रवांडा में निवेश की व्यापक संभावनाएं हैं, खासकर अक्षय ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, कृषि, खनन, पर्यटन एवं सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में। पिछले पांच वर्षों में दोनों देशों के बीच कारोबार क्रमश: बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, “विचारों और नवाचारों को हकीकत में बदलने के लिए तीन डी की जरूरत होती है- डिस्कवरी (खोज), डेवलपमेंट (विकास) एवं डेलिवरी (प्रतिपादन)। अब हम रवांडा सहित अफ्रीका के अन्य सहयोगी देशों के साथ नवाचार आधारित अर्थव्यवस्था के निर्माण के अनुभवों को साझा करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।” रवांडा के प्रधानमंत्री श्री मुरुकेजी ने बताया कि इस वर्ष अप्रैल से दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान सेवा शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर होने से द्विपक्षीय संबंध और प्रगाढ़ होंगे।

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