नीतीश ने फरक्का बराज को डीकमिशन किये जाने की मांग की - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 21 फ़रवरी 2017

नीतीश ने फरक्का बराज को डीकमिशन किये जाने की मांग की

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पटना 20 फरवरी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फरक्का बराज को ..डीकमिशन..किये जाने की आज मांग करते हुए कहा कि इसके कारण ही गंगा नदी में प्रवाह बाधित हो गया है और गाद जमा होता जा रहा है । श्री कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय में आयोजित लोक संवाद कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि फरक्का बराज बनाये जाने से गंगा नदी का प्रवाह बाधित हो गया और इसके कारण लगातार गाद जमा होता जा रहा है । उन्होंने कहा कि गाद जमा होने से गंगा नदी की गहराई भी कम हो गयी है और औसत से कम बारिश होने पर भी गंगा नदी के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो जाती है । मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष गंगा नदी से बाढ़ की समस्या उत्पन्न होने पर उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फोन किया था और बाद में नयी दिल्ली में हुई एक बैठक में उन्होंने इस संबंध में पूरी जानकारी भी श्री मोदी को दी थी । उन्होंने कहा कि गंगा नदी में गाद जमा हो जाने के कारण बाढ़ की समस्या के बारे में विस्तार से प्रधानमंत्री को जानकारी दी गयी थी । इसके बाद ही गाद की समस्या का अध्ययन के लिए केन्द्र सरकार ने विशेषज्ञों की एक कमिटी का गठन भी किया था । उन्होंने कहा कि जब तक गाद की समस्या का निदान नहीं निकल जाता तब तक गंगा नदी के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ की समस्या उत्पन्न होने का खतरा बना रहेगा ।


श्री कुमार ने कहा कि फरक्का बराज बनने के बाद से ही गंगा की धारा बाधित हो गयी है और गाद की समस्या उत्पन्न हुई है । उन्होंने कहा कि फरक्का बराज को ..डीकमिशन..किये जाने की मांग वह पहले भी कर चुके है । उन्होंने कहा कि फरक्का बराज के डीकमिशन किये जाने से ही इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला जा सकता है । उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि फरक्का बराज से बिहार के साथ-साथ पश्चिम बंगाल के कई जिलों में बाढ़ की समस्या बनी रहती है । मुख्यमंत्री ने कहा कि फरक्का बराज बनने के समय ही पश्चिम बंगाल के एक अभियंता ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि इससे पश्चिम बंगाल और बिहार के कई जिलों में बाढ़ की समस्या उत्पन्न होगी । पश्चिम बंगाल के उस अभियंता की आशंका अब सामने दिख रही है । उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में जल संसाधन मंत्री रहे पवन बंसल को उन्होंने गंगा नदी में गाद जमा होने की समस्या को दिखाया था । श्री बंसल ने स्वयं देखा था कि किस तरह गंगा नदी में सिल्ट डिपोजिट बढ़ता जा रहा है । श्री कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गंगा रिवर बेसिन ऑथोरिटी बना है और गंगा नदी तटवर्ती राज्यों के मुख्यमंत्री इसके सदस्य बनाये गये हैं । उन्होंने प्रारंभ से ही गंगा नदी के बारे में केन्द्र सरकार के समक्ष फरक्का बराज से होने वाली समस्या का सवाल उठाया है लेकिन अब तक इसपर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है । उन्होंने कहा कि फरक्का बराज को डीकमिशन किया जाना ही इसका स्थायी समाधान है । 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय जल मार्ग के संबंध में जो बात कही जा रही है वह पहले से ही तय है कि इलाहाबाद से फरक्का तक नेशनल वाटर वे नम्बर एक होगा लेकिन इस जलमार्ग के लिए केन्द्र सरकार जो करने जा रही है उसमें इलाहाबाद से वाराणसी के बीच और वाराणसी से बक्सर के बीच बराज बनाकर पानी का अविरल प्रवाह को रोकना शामिल है । वह इसके सख्त खिलाफ हैं और राज्य सरकार इस मामले पर अपना विरोध जता चुकी है । उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार और आम लोगों के समक्ष भी इस विचार को रखा गया है । श्री कुमार ने कहा कि उन्होंने कल पंजाब भ्रमण के दौरान प्रख्यात कर्मयोगी बाबा बलबीर सिंह सीचेवाल से मुलाकात की थी और सीवरेज के पानी को नेचुरल ट्रीटमेंट के बाद सिंचाई के लिए उपयोग में लाये जाने लायक उनके द्वारा बनाये गये प्लांट को भी देखा था । उन्होंने कहा कि वह उनके कार्य से काफी प्रभावित हैं और बिहार में भी सात निश्चयों में शामिल गली-नली कार्यक्रम में इसका उपयोग किया जायेगा । उन्होंने कहा कि उनके साथ अधिकारियों और विशेषज्ञों का एक दल भी पंजाब गया था जिन्होंने नेचुरल ट्रीटमेंट प्लांट को देखा । मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री सीचेवाल ने पंजाब के 160 किलोमीटर लम्बी काली बेई नदी के बंद प्रवाह को पुनर्बहाल किया था । उन्होंने कहा कि कचरा भर जाने के कारण इस नदी का प्रवाह बिल्कुल बंद हो गया था लेकिन श्री सीचेवाल के प्रयास से इसका प्रवाह फिर से शुरू हो गया । उन्होंने कहा कि 25 फरवरी से पटना में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन होगा जिसमें श्री सीचेवाल और जल पुरूष राजेन्द्र सिंह समेत कई विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है । उन्होंने कहा कि इस सेमिनार में जल संरक्षण और गंगा नदी में गाद की समस्या पर गंभीरता से विचार किया जायेगा । 

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