लखनऊ 16 अप्रैल, आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अयोध्या मामले में न्यायालय का ही फैसला मानने का एलान करते हुए आज कहा कि एक साथ तीन तलाक देना अनुचित है। बोर्ड की दो दिवसीय बैठक के अन्तिम दिन कहा गया कि अयोध्या विवाद में उच्चतम न्यायालय का फैसला ही माना जायेगा। न्यायालय से बाहर का कोई निर्णय बोर्ड को अमान्य होगा। अभी तक बातचीत के जरिये मसले के हल के कई कोशिशें हुई हैं लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला, इसलिए अब सिर्फ न्यायालय के फैसले को ही माना जायेगा। बोर्ड ने न्यायालय से इस मामले में सुनवाई में तेजी लाने की गुजारिश की। बैठक में लिए गये निर्णयों की जानकारी देते हुए बोर्ड के महासचिव मौलाना मोहम्मद अली रहमानी, अयोध्या मामले में पक्षकार सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के वकील और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी ने पत्रकारों से कहा कि बोर्ड का मानना है कि एक साथ तीन तलाक देना इसका सही तरीका नहीं है। शरीयत में इसकी मनाही है इसलिए बोर्ड बिना कारण के तलाक न देने का अभियान चलायेगा।
रविवार, 16 अप्रैल 2017
अयोध्या मामले में कोर्ट का ही फैसला मान्य, एक साथ तीन तलाक अनुचित : बोर्ड
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