नई दिल्ली, 23 अप्रैल, इस्राइल ने मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद भारत-इस्राइल संबंधों के अधिक ‘‘स्पष्ट’’ होने की सराहना करते हुए आज कहा कि इस्राइल और अरब देशों के साथ संबंधों को साधने में ‘‘किसी एक के कारण किसी दूसरे का नुकसान’’ ना होने की भारत की नीति ने मजबूत संदेश दिया है। भारत से इस वर्ष जुलाई में संभावित पहली प्रधानमंत्री स्तरीय यात्रा के मद्देनजर यहां इस्राइल के राजदूत डेनियल कैरमन ने रक्षा, सुरक्षा, कृषि, शिक्षा और संस्कृति समेत व्यापक क्षेत्रों में फैले रणनीतिक संबंधों में और अधिक सहयोग पर भी जोर दिया। कैरमन ने एक साक्षात्कार में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद भारत-इस्राइल संबंधों में काफी ‘‘स्पष्टता’’ आयी है और यहूदी देश इस बदलाव का सम्मान करता है। कैरमन ने कहा, ‘‘इस्राइल और अरब देशों के साथ संबंधों को साधने में किसी एक के कारण किसी दूसरे का नुकसान ना करने की भारत की नीति ने एक सकारात्मक संदेश दिया है। भारत और इस्राइल के बीच रिश्ते 2014 में नहीं बने लेकिन जो बदलाव आया है वह है चीजों में स्पष्टता, जो हम साथ मिलकर कर रहे हैं। जो भी बदलाव आया है वह महत्वपूर्ण है और इस्राइल उसका बहुत सम्मान करता है।’’ इस्राइली राजदूत ने यह भी कहा कि हो सकता है कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद भारत की नीति और वचन में बदलाव आया हों। मौजूदा राजग सरकार मनमोहन सिंह सरकार की तुलना में इस्राइल के साथ संबंधों को लेकर काफी खुली हुई है जबकि पिछली सरकार इस्राइल के साथ भारत के संबंधों को खुले तौर पर जाहिर करने में सावधानी बरतती थी।
सोमवार, 24 अप्रैल 2017
मोदी सरकार के तहत भारत-इस्राइल संबंध और अधिक स्पष्ट हुए : इस्राइल
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