नयी दिल्ली, 19 अप्रैल, विपक्ष ने अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाये जाने के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के विरुद्ध आपराधिक साजिश रचने का मुकदमा चलाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश का स्वागत करते हुये केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती के इस्तीफे की मांग की है जिसे सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया । उच्चतम न्यायालय ने विवादित ढांचा ढहाये जाने के मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, श्री मुरली मनोहर जोशी तथा सुश्री भारती सहित 12 नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने का मुकदमा चलाने का आज आदेश दिया जिस पर कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों ने सुश्री भारती के इस्तीफे की मांग की है । कई दलों ने राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के इस्तीफे की भी मांग उठायी । केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हालांकि विपक्ष की मांग को सिरे से खारिज करते हुये कहा कि न्यायालय के आज के आदेश से कोई नयी स्थिति पैदा नहीं हुयी है इसलिये किसी को इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है । राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने न्यायालय के आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये इसे नरेंद्र मोदी सरकार की श्री आडवाणी को राष्ट्रपति बनने से रोकने की साजिश करार दिया । कांग्रेस ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि मोदी सरकार के उन मंत्रियों और संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों को नैतिकता और विवेक के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए जिनके विरुद्ध न्यायालय ने आपराधिक मुकदमा चलाने के आदेश दिये हैं । पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि यद्यपि मोदी सरकार में नैतिकता और संवेदनशीलता के लिए कोई जगह नहीं है लेकिन यह पूरा मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी की नैतिकता और उनके विवेक की कसौटी पर हैं । उनकी सरकार के उन मंत्रियों और संवैधानिक व्यक्तियों को अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए जिन पर मुकदमा चलाने के आदेश दिए गए हैं । उन्होंने कहा कि न्यायालय का फैसला अपने आप में परिपूर्ण है और कानून को अपना काम करना चाहिए । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता अतुल कुमार अंजान ने सुश्री भारती के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह को नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफ़ा दे देना चाहिए और श्री आडवाणी तथा श्री मुरली मनोहर जोशी को भी राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए । उन्होंने कहा कि सुश्री भारती ने बाबरी मस्जिद के विध्वंस के लिए न केवल उन्माद फैलाया बल्कि मस्जिद के गिरने के बाद उन्होंने खुशी का इजहार भी किया था । देश इस घटना को भूला नहीं है इसलिए उन्हें तत्काल त्यागपत्र दे देना चाहिए । जनता दल यू के महासचिव और प्रवक्ता के सी त्यागी ने कहा कि भाजपा के कुछ नेता राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर 1991-92 के दौरान जिस तरह के विवादास्पद बयान देते थे, उन्हें भी न्यायालय के इस फैसले से सबक लेना चाहिए । उन्होंने कहा कि सुश्री भारती राम जन्म भूमि के लिये कोई भी कुर्बानी देने की बात करती हैं , उन्हें अदालत के इस आदेश के बाद अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिये ।
बुधवार, 19 अप्रैल 2017
विपक्ष ने उमा भारती का मांगा इस्तीफा, सरकार ने किया खारिज
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