गरीबों को न्याय दिलाने में पीएलवी भूमिका निभायें : जस्टिस केहर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 30 अप्रैल 2017

गरीबों को न्याय दिलाने में पीएलवी भूमिका निभायें : जस्टिस केहर

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नयी दिल्ली, 29 अप्रैल, उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह केहर ने आज कहा कि देश के गरीबों और निरक्षरों को समय पर न्याय न मिलने से भारतीय विधिक प्रणाली की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लग रहे हैं, और ऐसे में पैरा-लीगल स्वयंसेवकों (पीएलवी) से अपेक्षाएं अधिक हो जाती हैं। न्यायमूर्ति केहर ने यहां पैरा-लीगल स्वयंसेवकों के दो-दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि देश की न्यायिक प्रणाली की खामियों का सबसे अधिक खामियाजा गरीबों और वंचितों को भुगतना पड़ता है। उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों का कर्तव्य पुनीत कार्य तो है, लेकिन ऐसे स्वयंसेवकों द्वारा गरीबों की सेवा करना ‘परम’ पुनीत कार्य है। मुख्य न्यायाधीश ने इस बात को लेकर अफसोस जताया कि सुदूर गांवों और इलाकों के गरीबों और वंचितों को आज भी वकीलों और पैरा-लीगल स्वयंसेवकों की मुफ्त सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा, “पैरा-लीगल स्वयंसेवक योजना के तहत सुदूर इलाकों के लोग विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत कार्यरत पैरा-लीगल स्वयंसेवकों से जुड़े होते हैँ।” न्यायमूर्ति केहर ने कहा कि ये स्वयंसेवक ही ग्रामीणों के बीच कानून एवं कानूनी व्यवस्था के प्रति जागरूकता पैदा करते हैं। उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि अब समय आ गया है कि प्रत्येक स्वयंसेवक के पास कार्य योजना हो और वे प्रत्येक दिन के कामकाज से संबंधित एक डायरी रखें।” इस मौके पर कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि मोदी सरकार का लक्ष्य हर उस गरीब व्यक्ति को न्याय दिलाना है, जो न्याय से वंचित रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा शुरू की गयी ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘स्टार्ट अप इंडिया’ जैसी योजनाएं वंचितों के लिए ही हैं।

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