वाशिंगटन, 15 अप्रैल, अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने आधिकारिक तौर पर चीन को मुद्रा दर में हेराफेरी करने वाले देश के रूप में चिन्हित करने से इनकार किया है। अमेरिका के राष्ट्रपति के लिए यह एक और बड़ा यू-टर्न है। ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान बार-बार इस मुद्दे को उठाया था और कहा था कि सत्ता में आने पर वह इस मुद्दे पर कारवाई करेंगे। वित्त मंत्रालय का यह हालिया फैसला उन लगभग छह मामलों में से एक है, जिनमें ट्रंप या उनका प्रशासन चुनावी वादों से पीछे हटता दिखा है। अमेरिका ने चीन को आधिकारिक तौर पर मुद्रा दर में हेरफेर करने वाला देश तो नहीं ठहराया लेकिन निगरानी सूची में उसका नाम शामिल किया है। चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने नाटो को ‘अप्रासंगिक’ करार दिया था लेकिन इस सप्ताह उन्होंने कहा कि अब नाटो अप्रासंगिक नहीं है। रूस और सीरियाई राष्ट्रपति बशर-अल असद के मुद्दे पर भी ट्रंप का रूख पूरी तरह पलट चुका है। अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने कांग्रेस को सौंपी अपनी छमाही रिपोर्ट में कहा कि उसने चीन, जर्मनी, जापान, कोरिया, स्विट्जरलैंड और ताइवान को मुद्रा विनिमय दर के मामले में ‘निगरानी सूची’ वाले देशों में डाला है। चीन को मुद्रा दर में हेरफरे करने वाला देश घोषित नहीं करने के इस आधिकारिक कदम की उम्मीद पहले से ही की जा रही थी क्योंकि इस सप्ताह की शुरूआत में ट्रंप ने ऐसा कहा था। मंत्रालय ने कहा कि चीन और जर्मनी दोनों को ही अमेरिका के साथ व्यापार में उनकी भारी अधिशेष मात्रा को कम करने के लिए अधिक प्रयास करने चाहिए।
शनिवार, 15 अप्रैल 2017
अमेरिका का चीन को मुद्रा दर में हेरफेर करने वाला देश बताने से इनकार
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