नयी दिल्ली,10 मई, चुनाव आयोग ने 12 मई को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन(ईवीएम)में गड़बड़ी की शिकायतों के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई है। आम आदमी पार्टी(आप) ने कल दिल्ली विधानसभा में ईवीएम की नमूना मशीन को हैक कर उसमें गड़बड़ी होने का दावा किया था। इस घटना को देखते हुए सर्वदलीय बैठक महत्वपूर्ण हो गयी है क्योंकि इस बैठक में आप के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे। बैठक में सात राष्ट्रीय एवं आठ राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया गया है। आयोग ने राजनीतिक दलों को बैठक का जो एजेंडा भेजा है उसमें ईवीएम से छेड़छाड़ के अलावा वीवीपैट मशीन और चुनाव में रिश्वत को संज्ञेय अपराध बनाना आदि शामिल है। चुनाव आयोग ने कल आप के इस दावे को पूरी तरह ख़ारिज कर दिया कि ईवीएम में गड़बड़ी की जा सकती है। आयोग ने कहा कि आप ने र्इवीएम का जो नमूना पेश किया, वह आयोग द्वारा निर्मित करायी गयी ईवीएम नहीं है और आयोग की ईवीएम पूरी तरह सुरक्षित हैं। आयोग ने 12 तारीख की बैठक के लिए पार्टियों को अपने तीन प्रतिनिधियों को भेजने को कहा है और पार्टियां चाहें तो वे उनमें एक तकनीकी विशेषज्ञ भी भेज सकती हैं। उत्तर प्रदेश के चुनाव के बाद बहुजन समाज पार्टी और आप ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था और कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने इसका समर्थन किया। चुनाव आयोग ने हर बार कहा कि ईवीएम से मतदान पूरी तरह सुरक्षित है। चार राज्यों के उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने भी ईवीएम से मतदान को सुरक्षित बताया है लेकिन राजनीतिक दलों ने अब इसे मुद्दा बना दिया है। इससे देश में ईवीएम मशीन को लेकर राष्ट्रीय बहस खड़ी हो गयी है। ऐसे में चुनाव आयोग द्वारा बुलाई गयी बैठक मत्वपूर्ण हो गयी है। विपक्षी दल ईवीएम की जगह बैलेट पेपर के इस्तेमाल पर जोर दे सकते हैं। कई राजनीतिक दल यह कह चुके हैं कि कई विकसित देश भी बैलेट पेपर का इस्तेमाल करते हैं। वीवीपैट मशीनों को सभी चुनाव क्षेत्रों में इस्तेमाल के लिए अनिवार्य किये जाने के मद्देनजर आयोग ने 16 लाख मशीनें खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले दिनों करीब 31 हज़ार करोड़ रुपए इन मशीनों की खरीद के लिए जारी किये हैं।
गुरुवार, 11 मई 2017
ईवीएम गड़बड़ी के मुद्दे पर 12 मई को सर्वदलीय बैठक
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