नयी दिल्ली,21 मई, सहारनपुर की हिंसा में दलितों को निशाना बनाए जाने के विरोध में आज यहा जंतर मंतर पर दलित संगठन भीम सेना के हजारों कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और इन्साफ की मांग करते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस प्रदर्शन में दलित समुदाय के देशभर से आए पांच हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए। कई अन्य संगठन भी भीम सेना के समर्थन में प्रदर्शन में शामिल हुए। सुबह से ही हजारों की तादात में देशभर से लोग जंतर मंतर पर जुटने लगे थे। सहारनपुर हिंसा के बाद भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दिया था। प्रदर्शनकारियों ने आजाद पर से मुकदमा हटाने और दलितों को न्याय दिलाने की मांग करते हुए जमकर नारेबाजी की। चंद्रशेखर आजाद ने इस अवसर पर मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि सहारनपुर में दलितों पर अत्याचार किया गया उनके घर जलाए गए। लूटपाट की गई लेकिन पुलिस मूक दर्शक बन कर देखती रही। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन दोनों मिले हुए हैं। यह पूछे जाने पर कि सहारनपुर हिंसा के मामले में भीम सेना के कार्यकर्ताओं और खुद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है तो चंद्रशेखर ने कहा कि सारा मामला झूठा है। समुदाय विशेष के लोगों को बचाने के लिए यह सब किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि भीम सेना दोषी है तो उसके खिलाफ पुलिस सबूत लाकर दिखाए। भीम सेना के एक कार्यकर्ता ने कहा ‘योगी और मोदी सरकार दोंनों में से किसी को भी दलितों की सुध नहीं है। ऐसे ये लोग दलितों के उत्थान पर भाषण देते घूमते हैं लेंकिन इनका असली चेहरा अब सामने आ रहा है। लेकिन हम लोग भी चुप बैठने वाले नहीं है। अपने हक की लड़ाई पूरी ताकत से लड़ेंगे।’ भीम आर्मी ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन में शामिल होने का आह्वान सोशल मीडिया के जरिए किया था। प्रदर्शन स्थल तक कैसे पहुंचना है इसकी जानकारी तक सोशल मीडिया पर उपलब्ध कराई गई थी। इसके साथ ही चंद्रशेखर ने एक विडियो मैसेज जारी कर सभी वकीलों और बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर की विचारधारा में विश्वास रखने वालों को इस रैली में शामिल होने का न्योता दिया था। प्रदर्शनकारियों की बड़ी सख्या को देखते हुए जंतर मंतर और आसपास के इलाकों में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे।
सोमवार, 22 मई 2017
सहारनपुर हिंसा के विरोध में जंतर मंतर पर दलितों का विरोध प्रदर्शन
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