पटना, 22 मई, गर्मी बढ़ने के साथ ही बिहार के शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में अग्निकांड की बढ़ती घटनाओं के बीच राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी रोकथाम के लिए तंत्र की मजबूती पर बल देते हुए आज कहा कि पटना समेत राज्य के विभिन्न जिलों में लगातार बढ़ते बहुमंजिला इमारतों में फायर सेफ्टी के साथ ही इसकी नियमित जांच की आवश्यता है। श्री कुमार ने यहां अपने सरकारी आवास स्थित विमर्श सभाकक्ष में प्रदेश में हो रहे अग्निकाण्ड की घटनाओं की रोकथाम के लिए समीक्षा बैठक की। बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग ने मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुतीकरण दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, “आग लग जाने पर दमकल भेजकर आग बूझा देने और राहत वितरण कर देने भर से काम नहीं चलेगा। आग लगने की घटनायें न हो, इसके लिये तंत्र को मजबूत करना होगा। बड़े भवनों में ज्यादातर आग शॉट सर्किट के कारण लगती है। ” मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें निजी एवं सरकारी दोनों भवनों की चिन्ता है, इसके लिये तंत्र को स्पीडअप करना होगा। उन्होंने अग्निशमन, नगर विकास विभाग, ऊर्जा विभाग, भवन निर्माण विभाग, स्वास्थ्य विभाग को इस दिशा में अविलंब एक्शन प्लान तैयार करने का निर्देश दिया।
श्री कुमार ने कहा कि राजधानी समेत पूरे राज्य में मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग की संख्या बढ़ती जा रही है। बिल्डिंग बायोलॉज में फायर सेफ्टी और इसकी नियमित जांच आवश्यक है। इसके लिये पर्याप्त मशीनरी को विकसित करना होगा और तंत्र को बनाना होगा। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग के निर्माताओं से फायर सेफ्टी के संबंध में किये गये उपायों के संबंध में स्वप्रमाणित प्रतिवेदन प्राप्त करें और इसकी नियमित जांच भी करायी जाये। उन्होंने कहा कि निजी भवनों में रहने वाले लेागों को भी फायर सेफ्टी के संबंध में जागरूक करना होगा। बैठक में मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ब्यासजी, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य डा0 उदय कांत मिश्र, प्रधान सचिव गृह आमिर सुबहानी, महानिदेशक अग्निशमन सेवायें पी0एन0 राय, प्रधान सचिव स्वास्थ्य एवं शिक्षा आर0के0 महाजन, प्रधान सचिव नगर विकास एवं आवास चैतन्य प्रसाद, प्रधान सचिव भवन निर्माणअमृत लाल मीणा समेत आपदा प्रबंधन विभाग के संबंधित पदाधिकारी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि राजधानी पटना के अतिव्यस्तम बोरिंग रोड चौराहे पर स्थित जीवी मॉल में शनिवार को भयंकर आग लग गई थी। इस भीषण अग्निकांड में जहां करोड़ों रुपये मूल्य की संपत्ति जलकर नष्ट हो गयी थी वहीं, बहुमंजिला इमारतों में फायर सेफ्टी को लेकर एक बार फिर कई सवाल उठने लगे हैं।
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