कर चूककर्ताओं के नाम सार्वजनिक करने की नीति की समीक्षा करेगी सीबीडीटी समिति - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 29 मई 2017

कर चूककर्ताओं के नाम सार्वजनिक करने की नीति की समीक्षा करेगी सीबीडीटी समिति

revision-to-announce-tax-defaulter-name
नयी दिल्ली, 28 मई, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड :सीबीडीटी: कर चोरी करने वालों के नाम सार्वजनिक करने की अपनी नीति का दायरा बढ़ाने पर विचार कर रहा है। इसके तहत ऐसे आंकड़े बैंक तथा क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों को साझा किये जा सकते हैं। बोर्ड ने मौजूदा व्यवस्था बारे में विचार करने और उसकी समीक्षा के लिये एक विशेष समिति गठित की है। साथ ही समिति भविष्य की रूपरेखा का भी सुझाव देगी तकि करोड़ों रपये के बकाया या चूक करने वालों को शिनाख्त हो सके और कर कानून के तहत अभियोजन चलाया जा सके। प्रधान महानिदेशक स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय समिति को जो एजेंडा दिया गया है, उसमें पहचाने गये चूककर्ताओं के नाम सार्वजनिक करने की नीति का मकसद पूरा हुआ है या नहीं और क्या इसका दायरा बढ़ाये जाने की जरूरत है, शामिल हैं। समिति का गठन 25 मई को हुआ।  ब्योरे के अनुसार समिति इस बात पर विचार करेगी कि क्या ऐसे चूककर्ताओं के नाम बैंकों, वित्तीय संस्थानों, क्रेडिट रेटिंग तथा क्रेडिट इनफार्मेशन ब्यूरो लि. :सिबिल: जैसे जोखिम रेटिंग एजेंसियों तथा अन्य के साथ कर अधिकारियों साझा किया जाए। सीबीडीटी ने करीब दो साल पहले नाम सार्वजनिक करने का अभियान शुरू किया है। इसके तहत चूककर्ताओं के नाम तथा चूक राशि, पता और स्थायी खाता संख्या :पैन: जैसे ब्योरे प्रमुख समाचारपत्रों में प्रकाशित कराया जाता था। अबतक विभाग ने ऐसी 106 इकाइयों के नाम सार्वजनिक किया है जिन्होंने न्यूनतम एक करोड़ रपये से अधिक की कर चोरी की है। समिति से 15 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट सीबीडीटी को देने को कहा गया है।

कोई टिप्पणी नहीं: