रांची 24 मई, झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने आज कहा कि समाज के आखिरी पंक्ति के व्यक्ति के विकास से ही सर्वांगीण विकास संभव है। श्रीमती मुर्मू ने यहां राजभवन में सामाजिक-आर्थिक एवं संसदीय अध्ययन केंद्र, रांची द्वारा प्रकाशित स्मारिका ‘अंतत्योदय से सर्वोदयः समाज परिवर्तन की दिशा’ का लोकार्पण करते हुए कहा कि इसके लिए शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी विषयों पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि यही समाज को आगे ले जाएगा। उन्होंने कहा, “यदि समाज के आखिरी आदमी के बारे में सोचा जाए, तभी पूरे समाज का विकास होगा।” राज्यपाल ने आशा प्रकट की कि यह स्मारिका समाज एवं लोकहित में सार्थक साबित होगा। विभिन्न चिन्तकों की अच्छी बातों पर अमल कर समाज एवं राज्य के विकास के विकास को तीव्र गति प्रदान कर सकता है। साथ ही लोगों की मूलभूत समस्याओं का निदान हो सकता है। इस अवसर पर राज्यसभा सदस्य महेश पोद्दार ने कहा कि जिनके पास विभिन्न विधाओं का अनुभव हैं, वे समाज में बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं। उन्होने कहा कि इस स्मारिका में विभिन्न चिन्तकों के लेखों संग्रहित हैं। यह सरकार और नीति-निर्माताओं के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है।
गुरुवार, 25 मई 2017
समाज के अंतिम व्यक्ति के विकास से ही सर्वांगीण विकास संभव : राज्यपाल
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