पटना 13 मई, माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि बिहार में एक के बाद उजागर हो रहे परीक्षा घोटालों ने साबित कर दिया है कि नीतीश सरकार बिहार की शिक्षा को रसातल मंे पहुंचाने का मन बना चुकी है. पहले टाॅपर घोटाला, फिर बीएसएसी घोटाला और अब नीट की परीक्षा में पेपर लीक कांड ने सरकार के मुंह पर करारा तमाचा लगाया है. शिक्षा माफियाओं का बोलबाला है और बिहार के छात्र-युवा दर-ब-दर की ठोकरे खा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि सरकार सचमुच बिहार की शिक्षा में सुधार के लिए प्रतिबद्ध होती, तो इन घोटालों की सीबीआई जांच कराने में एक मिनट की देरी नहीं करती. लेकिन वह जानती है कि इन घोटालों के तार सत्ताधारी पार्टी के नेताओं से गहरे तौर पर जुड़े हैं. यदि टाॅपर घोटाला के मास्टर माइंड बच्चा राय का संबंध जदयू-राजद व भाजपा से था, तो बीएसएससी घोटाले में तो इन पार्टियों से जुड़े उनके नेताओं के नाम भी उजागर हुए जो परीक्षा में घोटाले को संचालित कर रहे थे. सत्ता के संरक्षण में पल रहे शिक्षा माफियाओं पर सरकार कोई नकेल नहीं कसना चाहती है, इसलिए इस तरह की घटनाओं में लगातार वृद्धि ही हो रही है. माले सचिव ने यह भी कहा कि बिहार सरकार आज शराबबंदी और दहेज विरोधी आंदोलनों की बात कह रही है, लेकिन दुर्भाग्य यह है कि वह समाज सुधारों के कार्यों को राज्य के सच्चे विकास के खिलाफ खड़ा कर दे रही है. इससे प्रतीत होता है कि सरकार के पास आज कोई एजेंडा नहीं रह गया है और उसकी सारी योजनायें भ्रष्टाचार के गहरे दलदल में है. उन्होंने टाॅपर व बीएसएससी घोटाले की ही तर्ज पर नीट में हुई धांधली की सीबीआई जांच की मांग की है और छात्रों के आंदोलन का पूरी तरह समर्थन किया है.
शनिवार, 13 मई 2017
बिहार में परीक्षा घोटाला का चल पड़ा है सिलसिला, शिक्षा के प्रति सरकार गंभीर नहीं : माले
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