निस्वार्थ भाव से काम करने वाले आरएसएस को क्यों कहा जाता है सांप्रदायिक : योगी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 15 मई 2017

निस्वार्थ भाव से काम करने वाले आरएसएस को क्यों कहा जाता है सांप्रदायिक : योगी

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लखनऊ,14 मई, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) को साम्प्रदायिक कहने वालों को आडे हाथों लेते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि निस्वार्थ और सेवा भाव से काम करने वाले इस संगठन पर उंगली उठाने वालों को पहले अपने भीतर झांकना चाहिये। श्री योगी यहां सुहेलदेव विजयोत्सव दिवस के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आरएसएस निस्वार्थ भावना से काम कर रहा है। आरएसएस लोगों के अंदर राष्ट्रीयता का भाव पैदा करना चाहता है। जब आरएसएस मलिन बस्ती में काम करता है तो उसपर उंगली उठती है कि वो सांप्रदायिक है। उन्होंने कहा कि देश में एक बार चर्चा हो जानी चाहिए कि कौन सांप्रदायिक है और कौन राष्ट्रवादी है। उन्होने कटाक्ष किया कि जो लोग वोट बैंक बनाकर समाज को बांटने का काम कर रहे हैं वो खुद को मानवतावादी कहते हैं।' मुख्यमंत्री ने कहा कि 'हमने अपने इतिहास को भुला दिया। इस देश में विदेशी आक्रांताओं के हमले तेज हो गए। जब भी हम अपने इतिहास को भुला देंगे इसका परिणाम पूरे समाज को भुगतना होगा।'महाराजा सुहेलदेव को इतिहास में जितनी जगह मिलनी चाहिए थी उतनी मिली नहीं। एक शरारत के तहत ऐसे महापुरुषों का नाम हटा दिया गया। केन्द्र सरकार ने निर्णय लिया है कि इन सभी महापुरुषों को पाठयक्रमों का हिस्सा बनाएंगे। जब तक हम बच्चों को नहीं बताएंगे कि कौन महापुरूष थे तो उन्हें जानकारी क्या होगी।'

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