पटना 08 जून। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के किसान विगत एक सप्ताह से अपनी वाजिब ज्वलंत मांगों को लेकर शांतिपूर्ण संघर्ष चला रहे है। किसान विरोधी भाजपा सरकार ने किसानों से वात्र्ता करने के बजाय किसानों को सबक सिखाने के लिए तथा किसान आंदोलन को निर्ममतापूर्वक कुचलने के लिए 5 जून, 2017 को मध्य प्रदेश में बहसी पुलिस को बेलगाम कर बगैर चेतावनी के अंधाधुंध गोली चलवा कर पाँच निर्दोष किसानों की हत्या कर दी। बिहार राज्य किसान सभा पिपल्यामंडी गोली कांड की भत्र्सना करते हुए रोष प्रकट करता है। बिहार राज्य किसान सभा भाजपा सरकार की इस नादीरशाही की निन्दा करते हुए, इस गोली कांड में शहीद किसानों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करती है।
बिहार राज्य किसान सभा के महासचिव अशोक प्रसाद सिंह ने कहा कि शहीद किसानों का खून बेकार नहीं जायेगा। उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार से इस्तीफे की मांग की। महासचिव ने भारत सरकार से मांग की कि किसानों के सभी मांगों को अविलम्ब पूरा किया जाय। मोदी सरकार अपना चुनावी वादा पूरा करे और स्वामीनाथन कमीशन की अनुशंसाओं को लागू करें। उन्होंने मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र के आंदोलनरत किसानों की लड़ाई का समर्थन करने एवं एकजुटता प्रदर्षित करने शहीद किसानों की श्रद्धांजलित एवं किसानों की मांग हेतु अपनी सभी इकाइयों के द्वारा गोली कांड की नींदा करने, प्रतिरोध दिवस मनाने तथा खूनी मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री का पुतला दहन करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा देश में भाजपा शासित राज्य महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में सबसे ज्यादा आत्म हत्या हो रही है। मोदी जी ने लोकसभा चुनाव से पूर्व देश भर में धूम-धूम कर 460 आम सभाओं में देश के किसानों से वादा किया था कि हमारी सरकार बनेगी तो स्वामीनाथन कमीशन की अनुशंसाओं को लागू करेंगे। परंतु सत्ता में आते ही सर्वोच्च न्यायालय को लिख कर दे दिया कि स्वामीनाथन कमीशन की अनुशंसा लागू नहीं होगी। इसीलिए निराश होकर मोदी जी के शासन में देश में किसानों द्वारा आत्महत्या की घटनाओं में बेतहासा वृद्धि हुई है। साथ ही जगह-जगह किसानों का गुस्सा संघर्ष के रूप में फूट रहा है। बिहार राज्य किसान सभा ने जबरदस्त किसान आन्दोलन खड़ा करने के लिए भी किसानों का आह्वान किया ताकि मोदी सरकार अपने वादों को पूरा करने के लिए विवश हो।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें