दुमका, (अमरेन्द्र सुमन) सड़क निर्माण कार्य की समाप्ति के बाद आयकर विभाग में रकम से संबंधित प्रमाण पत्र जमा करने के निमित्त नगर परिषद् मिहिजाम (जामताड़ा) के सहायक लिपिक द्वारा विभागीय प्रमाणपत्र निर्गत करने के 12 हजार रुपये की मांग परिवादी संदीप रतन से की गई थी जिसकी जानकारी एसीबी, दुमका को दे दी गई थी। दिन बुधवार को परिवादी से रिश्वत स्वरुप उपरोक्त राशि को लेने के क्रम में सहायक लिपिक विजय सिंह भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, दुमका की गिरफत में आ गया। परिवादी के बयान के अनुसार आठ लाख रुपये की लागत से उसे पीसीसी सड़क निर्माण से संबंधित कार्यादेश प्राप्त हुआ था। सड़क निर्माण कार्य खत्म हो जाने के बाद आयकर विभाग में रकम प्राप्ति प्रमाणपत्र जमा करने के लिये उसने (मिहिजाम) जामताड़ा नगर परिषद् के सहायक लिपिक विजय सिंह से सम्पर्क स्थापित किया। सहायक लिपिक ने विभागीय प्रमाणपत्र निर्गत करने के एवज में परिवादी से 12 हजार रुपये की मांग की। परिवादी रिश्वत देना नहीं चाहता था। अपने सत्यापित आवेदन में उपरोक्त की पूरी जानकारी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, दुमका को उसने दी। एसीबी की टीम ने परिवादी के आरोपों की जाँच की जो सत्य था। परिवादी के लिखित आवेदन के आधार पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, दुमका थाना कांड सं0-04/2017 दिनांक 06 जून 2017 को पंजीकृत करते हुए व 07 जून 2017 को परिवादी से बारह हजार रुपये बतौर रिश्वत लेते हुए अभियुक्त विजय सिंह को रंगे हाथ गिरफतार कर लिया। मालूम हो, अभियुक्त विजय ंिसह आम बगान (वार्ड नं0-3) थाना व पोस्ट मिहिजाम, जामताड़ा का रहने वाला है। वर्ष 2017 में एसीबी का यह 59 वाँ ट्रैप केस है जबकि दुुमका का दूसरा ट्रैप केस।
बुधवार, 7 जून 2017
दुमका : रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफतार हुआ सहायक लिपिक
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