देश के राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी का कार्यकाल जुलाई 2017 में पूरा हो रहा है. 17 जुलाई को नए राष्ट्रपति का चुनाव होना है. तमाम अटकलों के बीच सियासत के जानकारों से मिल रही सूचना के अनुसार झारखंड की मौजूदा राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(एन डी ए) की तरफ से राष्ट्रपति पद की प्रबल उम्मीदवार हो सकती हैं.यदि ऐसा होता है तो सम्भवतः श्रीमती मुर्मू देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी. फ़िलहाल द्रौपदी मुर्मू 18 मई ,2015 से झारखंड में देश के किसी राज्य की पहली आदिवासी एवं महिला राज्यपाल हैं. इसी सन्देश को आगे बढ़ाते हुए भाजपा और केंद्र सरकार श्रीमती मुर्मू को राष्ट्रपति पद पर सुशोभित करना चाहती है और अगर ऐसा हुआ तो शायद श्रीमती द्रौपदी के समर्थन में विपक्ष में होने के बावजूद झारखंड मुक्ति मोर्चा का साथ भी भाजपा को मिल सकता है.
हालाँकि प्राकृतिक तौर पर मोदी सरकार के गठन के साथ ही भाजपा के वरिष्ठ नेता (अब मार्गदर्शक ) लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार माना जा रहा था लेकिन दोनों नेताओं के ऊपर बाबरी मस्जिद विध्वंस मामला फिर से सर्वोच्च न्यायलय में चलाये जाने से राष्ट्रपति पद के चुनाव लड़ने की सम्भावना लगभग समाप्त हो गयी है. मौजूदा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज राष्ट्रपति पद की दौड़ में हैं परन्तु स्वास्थ्य कारणों से शायद उनकी दावेदारी कमजोर रह जाये. भाजपा के एक और वरीय नेता केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मुप्पावारापु वेंकैया नायडू का नाम भी संभावित राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में सुना जा रहा है लेकिन सरकार के सर्वसम्मति से राष्ट्रपति चुने जाने की अवधारणा के मद्देनजर श्री नायडू के नाम पर विपक्ष की सहमति में संशय है. इस दिशा में श्रीमती द्रौपदी मुर्मू की दावेदारी ज्यादा तार्किक और मजबूत बताई जा रही है. 20 जून ,1958 को उड़ीसा के आदिवासी परिवार में जन्मी द्रोपदी मुर्मू ने स्नातक की डिग्री लेने के बाद उड़ीसा राज्य सचिवालय में नौकरी की.श्रीमती मुर्मू सन 2000 से 2009 तक रायरंगपुर ,उड़ीसा से विधायक रही और उड़ीसा सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं.सादगी पसंद और साफ़ सुथरी छवि की वजह से श्रीमती मुर्मू का नाम भी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों में शामिल किया गया है.
**विजय सिंह**
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