नयी दिल्ली 27 जून, वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा है कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने किसी बड़े उद्योग अथवा उद्योगपति का कर्ज माफ नहीं किया है, एक टेलीविजन चैनल के कार्यक्रम को संबोधित करते हुये श्री जेटली ने आज कहा कि यह ऋण 2008 से 2010 के बीच का है, बैंकों की गैर निष्पादित राशि (एनपीए) की समस्या बहुत पुरानी है। उन्होंने कहा कि पाप कोई और करके गया जिसके हल करने की जिम्मेदारी मौजूदा सरकार पर आ गयी है। गौरतलब है कि किंगफिशर मालिक विजय माल्या पर बैँकों की मोटी रकम और उनके विदेश भाग जाने को लेकर मोदी सरकार निशाने पर रही है। एनपीए की समस्या से निपटने के लिये समाधान का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इससे केन्द्र सरकार के दिवालिया कानून से ही निपटा जा सकता है। कानून के तहत कर्ज नहीं लौटाने वालों की सूची बनायी जा रही है और उन उद्योगों को दिवालिया घोषित कर उनसे ऋण वापसी दूसरे तरीके से की जायेगी । किसानों की कर्ज माफी से इसकी तुलना करना कतई तर्कसंगत नहीं है। ये दोनों मामले बिलकुल भिन्न हैं। किसानों की कर्ज माफी के मुद्दे पर श्री जेटली ने कहा कि यह राज्यों का मसला है और केन्द्र सरकार हर मामले को अपने ऊपर नहीं ले सकती क्योंकि अलग-अलग प्रदेशों में किसानों की कर्ज की स्थिति भी अलग है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में किसानों की कर्ज माफी को लेकर कई राज्यों में आंदोलन हुए हैं। मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन के उग्र होने पर पुलिस की गोलीबारी में छह लोगों की मृत्यु हो गयी थी। इसके बाद मोदी सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर आ गयी है।
बुधवार, 28 जून 2017
सरकार ने किसी बड़े उद्योगपति का कर्ज माफ नहीं किया : जेटली
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