नयी दिल्ली,29 जूून, सरकार ने अमेरिकी प्रशासन की एक अधिसूचना में जम्मू-कश्मीर को ‘भारत शासित’बताए जाने को लेकर उठे विवाद पर स्पष्टीकरण देते हुए आज कहा कि इस तरह का उल्लेख भारत में सीमा पार आंतकवाद पर जारी की गयी अमेरिकी रिपोर्टों में पहले भी कई बार हो चुका है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिकी प्रशासन ने पाकिस्तान से गतिविधियां चलाने वाले आंतकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन को वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था, इस संदर्भ में जारी अधिसूचना में जम्मू-कश्मीर काे ‘भारत शासित’ बताया गया है। इसे लेकर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जतायी है और कहा है कि प्रधानमंत्री के अमेरिका में रहते हुए इस तरह का उल्लेख कैसे किया गया। प्रधानमंत्री को इस पर एतराज जताना चाहिए था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस मामले पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि अमेरिकी विदेश विभाग की अधिसूचना में जम्मू-कश्मीर का संदर्भ भारत शासित प्रदेश के रूप में किया जाना सिर्फ हमारे इस रुख की पुष्टि करता है कि सलाहुद्दीन भारत में सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है। अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से आतंकवाद पर हर साल जारी की जाने वाली रिपोर्टों में भारत में सीमा पार आतंकवाद के सदंर्भ में ‘भारत शासित’ शब्द का उल्लेख इससे पहले भी कई बार किया जा चुका है जिसमें 2010-13 की अवधि भी शामिल है। प्रवक्ता ने कहा कि भारत का यह मत सर्वविदित है कि पूरा जम्मू-कश्मीर उसका अभिन्न अंग है। अमेरिका द्वारा सलाहुद्दीन को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने का भारत ने स्वागत किया है। इस संबंध में काफी समय से अमेरिकी प्रशासन के साथ विचार-विमर्श चल रहा था। प्रधानमंत्री की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बैठक के बाद 26 जून को जारी किए गए संयुक्त वक्तव्य में यह बात मजबूती से कही गयी है कि दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ेंगे। दोनों देशों ने पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है वह अपनी जमीन का इस्तेमाल अन्य देशों के खिलाफ आतंकवादी हमलो के लिए न होने दे।
शुक्रवार, 30 जून 2017
‘भारत शासित’ शब्द का पहले भी हुआ है उल्लेख : सरकार
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