मोदी सरकार की विदेश नीति राष्ट्रहित की रक्षा करने में विफल : कांग्रेस - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 1 जून 2017

मोदी सरकार की विदेश नीति राष्ट्रहित की रक्षा करने में विफल : कांग्रेस

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पटना 31 मई, कांग्रेस ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर पिछले तीन साल के कार्यकाल के दौरान राष्ट्रहित की रक्षा करने में उसकी विदेश नीति के विफल रहने का आरोप लगाते हुये आज कहा कि इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब पाकिस्तान को अमेरिका, रूस और चीन का सहयोग मिला है, जो देश की सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव एवं बिहार मामलों के प्रभारी सी.पी.जोशी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के समय भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने देश के आंतरिक और बाह्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के बड़े-बड़े वादे किये थे। लेकिन, प्रधानमंत्री बनने के बाद उनके तीन साल के कार्यकाल के दौरान दोनों स्तर की सुरक्षा व्यवस्था और खराब हुई है। श्री जोशी ने कहा, “श्री मोदी राष्ट्रहित में निर्मित मजबूत विदेश नीति को कायम रखने में पूरी तरह से विफल रहे हैं। पाकिस्तान दौरे पर प्रधानमंत्री भोज में शामिल हुये लेकिन दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार करने की दिशा में उनकी तरफ से कोई प्रयास नहीं दिखा।



एआईसीसी महासचिव ने कहा कि श्री मोदी रूस जैसे आजमाये हुये मित्र देश के साथ भी बेहतर संबंध बनाये रखने में विफल रहे हैं, जिसका परिणाम है कि रूस का झुकाव पाकिस्तान की ओर बढ़ा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से आतंकवाद को बढ़ावा देने को लेकर भारत की ओर से संयुक्त राष्ट्र में रखे गये प्रस्ताव का चीन ने विरोध किया है। इसके अलावा अमेरिका भी कई अन्य मुद्दों पर पाकिस्तान के साथ खड़ा है। इसका नतीजा है कि अमेरिका, रूस और चीन तीनों आज पाकिस्तान के साथ हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन तीनों देशों का पाकिस्तान के समर्थन में आना इतिहास में पहली बार हुआ है। श्री जोशी ने कहा कि श्री मोदी के तीन साल के कार्यकाल में कुल 172 आतंकी हमले हुये वहीं पिछले 21 महीने में 12 महत्वपूर्ण आतंकवादी हमले हुये, जिसमें 578 जवान शहीद हुये तथा 877 आम लोग मारे गये। इस दौरान पाकिस्तान की ओर से युद्धविराम का उल्लंघन करने के 1343 मामलों में सेना के 203 जवान शहीद हुये हैं। इसके अलावा पिछले छह महीने में पाकिस्तान ने तीन बार सेना के जवानों के सर कलम कर दिये। महासचिव ने कहा कि पिछले तीन वर्ष में अातंकवादियों ने सेना के 14 ठिकानों पर हमले किये, जिसमें पठानकोट स्थित वायुसेना एवं जम्मू कश्मीर में उरी के थल सेना बेस तथा उधमपुर में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के काफिले पर हमला शामिल है। उन्होंने कहा कि इस दौरान कुल 203 जवान शहीद हुये, 92 आम नागरिक मारे गये तथा 15 हजार आम नागरिक एवं 4000 सेना के अधिकारी घायल हुये। वहीं आततायियों ने 32 स्कूलों को जला दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी वीभत्स हालात में भी नरेंद्र मोदी सरकार दावे कर रही है कि जम्मू कश्मीर में स्थिति नियंत्रण में और वहां के लोग सुरक्षित हैं।

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