बिहार : जूवेनाइल जस्टिस बोर्ड के अध्यक्ष जिला न्यायाधीश और सदस्य सामाजिक कार्यकर्ता होंगे - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 7 जून 2017

बिहार : जूवेनाइल जस्टिस बोर्ड के अध्यक्ष जिला न्यायाधीश और सदस्य सामाजिक कार्यकर्ता होंगे

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पटना 06 जून, बिहार सरकार ने राज्य में किशोर न्याय नियमावली 2017 को लागू कर दिया है जिसके तहत अब जूवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजेबी) के अध्यक्ष जिला न्यायाधीश और सदस्य सामाजिक कार्यकर्ता होंगे । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज मंत्रिमंडल की हुई बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गयी । बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय एवं समन्वय विभाग के विशेष सचिव उपेन्द्र नाथ पांडेय ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि समाज कल्याण विभाग के तहत बिहार किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) नियमावली, 2017 को राज्य में लागू करने की स्वीकृति प्रदान की गयी है । उन्होंने बताया कि इस नयी नियमावली के तहत अब जूवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजेबी) के अध्यक्ष जिला न्यायाधीश होंगे । श्री पांडेय ने बताया कि पांच सदस्यीय बोर्ड में अब वही व्यक्ति सदस्य बन सकते हैं, जो सामाजिक कार्यकर्ता हो और उनके पास समाजशास्त्र या इससे जुड़े अन्य विषयों में कम से कम स्नातक तक की डिग्री हो। सभी सदस्यों का कार्यकाल दो टर्म से ज्यादा का नहीं होगा। एक टर्म तीन वर्ष का होता है। इसके अलावा प्रत्येक तीन महीने में सभी जूवेनाइल बोर्ड कार्यालयों और आश्रय स्थलों का निरीक्षण जिला न्यायाधीश करेंगे । निरीक्षण के दौरान न्यायाधीश कार्यालयों में तमाम कागजातों और रिकॉर्ड की जांच करेंगे । साथ ही बाल गृहों की हालात और स्थिति का भी मुआयना करेंगे । विशेष सचिव ने बताया कि मंत्रिमंडल ने खान एवं भूतत्व विभाग के तहत 25 फरवरी 2014 से गठित अंतर्विभागीय समिति को उसके गठन की तिथि के प्रभाव सक्षम प्राधिकार घोषित किये जाने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की । इस समिति में निदेशक खान एवं भूतत्व अध्यक्ष हैं । इनके अतिरिक्त उप निदेशक मुख्यालय खान एवं भूतत्व ,उप निदेशक पटना अंचल खान एवं भूतत्व , पर्यावरण एवं वन विभाग और बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से नामित एक-एक प्रतिनिधि इसके सदस्य हैं । श्री पांडेय ने बताया कि मंडिमंडल ने डा.ए.पी.जे अब्दुल कलाम साइंस सिटी के निर्माण और विकास के लिए परामर्शी के चयन प्रक्रिया पर व्यय होने वाली राशि 95 लाख 22 हजार रूपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की । मंत्रिमंडल ने जल संसाधन विभाग और भवन निर्माण विभाग के अधीन संविदा पर कार्यरत कनीय अभियंताओं का पुनर्नियोजन अगले एक वर्ष तक बढ़ाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की । उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने इसके अलावा दो अन्य प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की । 

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