पटना 12 जून, बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बालश्रम के विरुद्ध समाज में जागरुकता पैदा करने की अपील करते हुये आज कहा कि गरीब बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है, जरूरत है कि उनकी प्रतिभा को पहचानकर उन्हें सही दिशा में अग्रसर होने का अवसर उपलब्ध कराया जाये। श्री यादव ने विश्व बाल श्रमिक निषेध दिवस के अवसर पर श्रम संसाधन विभाग के तत्वाधान में यहां आयोजित समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि बालश्रम का मुख्य कारण गरीबी है। देश मे गरीबी का अंत हो, सब का जीवन खुशहाल हो और बच्चों का भविष्य सुधरे और बालश्रम से देश मुक्त हो, इसके लिए प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाल श्रमिक गरीब परिवार से आते हैं। उनसे मज़दूरी कराना सबके लिये शर्म का विषय है। सबको मिलकर इसके खिलाफ समाज मे जागरुकता पैदा करनी होगी। उन्होंने कहा कि गरीब बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है, जरूरत है उनकी प्रतिभा को पहचानकर उन्हें सही दिशा में अग्रसर होने का अवसर उपलब्ध कराया जाये। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रम संसाधन विभाग ने अभियान चलाकर तीन दिनों के अन्दर 166 बच्चों को बालश्रम से मुक्ति कराया गया और उन्हें 25-25 हजार रुपये देकर पुनर्वास कराया गया। उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा की सरकार के साथ ही आम लोगों को भी बच्चों के अधिकार के प्रति जागरूक होना होगा।सकरात्मक सोंच के साथ व्यापक कार्य योजना बनाये जाने की ज़रूरत है तभी बच्चों को शिक्षा और उनका अधिकार मिल पायेगा।
श्री यादव ने कहा कि श्रम संसाधन विभाग ने आज एक वाट्सएेप नम्बर जारी किया है। आप जहां भी बच्चों को बाल श्रमिक के रुप मे देखें उसकी फोटो ले कर इस ऐप पर सूचना दें। उन्होंने कहा कि गरीब के बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है, ज़रूरत है उनकी छुपी प्रतिभा को पहचाना जाए और उन्हें समाज की मुख्यधारा मे लाने के लिये सही दिशा दिखाई जाए। इस मौके पर श्रम संसाधन मंत्री विजय प्रकाश ने कहा कि बाल मज़दूरी निवारण अधिनियम वर्ष 2002 से लागू है। कठोर कानून के साथ सामाजिक चेतना को जगाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिनके हाथों मे कलम होना चहिए था उन्हें कुदाल और झाड़ू थमा दिया गया। पूरा समाज शिक्षित होगा तभी बाल मज़दूरी के कोढ़ से समाज को मुक्ति मिल पायेगी। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि बच्चों को उनका अधिकार मिले और बालश्रम का उन्मूलन किया जाये। समाज कल्याण मंत्री मंजु वर्मा ने कहा की बच्चों का जो खेलने और पढ़ने का समय होता है उस समय उन्हें बालश्रम में धकेल दिया जाता है। यह सब अशिक्षित होने और गरीबी के कारण होता है। उन्होंने कहा कि बच्चों का अधिकार नहीं छीना जाना चाहिये। वे देश के भविष्य हैं। बच्चे नहीं पढ़ेंगे तो देश का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। समारोह को श्रम संसाधन विभाग के सचिव दीपक कुमार सिंह, यूनिसेफ प्रतिनिधि ए. रहमान, श्रम आयुक्त गोपाल मीणा ने भी सम्बोधित किया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें