अस्ताना,09 जून, भारत को आज शंघाई सहयोग संगठन(एससीओ) की पूर्ण सदस्यता मिल गयी और इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इस मंच को धार्मिक कट्टरता,आतंकवादियों की भर्ती और उनकी गतिविधियों को वित्तपोषित करने से रोकने एवं आतंकवाद से लड़ने के लिए साझा प्रयास करने चाहिए। श्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि आज एससीओ की यात्रा में एक ऐतिहासिक मोड़ आया है। भारत एससीओ के साथ एक सक्रिय तथा सकारात्मक सहभागिता की रचना के लिए तैयार तथा कटिबद्ध है। उन्होंने कहा,“मुझे पूरा विश्वास है कि भारत-एससीओ को सहयोग,आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की एक नयी दिशा प्रदान तथा शक्ति प्रदान करेगा। ” इस दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग आैर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी मौजूद थे। हालांकि इस बैठक के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेद उस समय उभर कर सामने आये जब आतंकवाद पर जोर देने के श्री मोदी के बयान के विपरीत उनके पाकिस्तानी समकक्ष ने आर्थिक लाभों को बढ़ावा देने की बात करते हुए कहा कि वैश्विक नेताओं को अपनी भावी पीढ़ियों के लिए आपसी विवादों तथा शत्रुतापू्र्ण माहौल को विरासत में नहीं छोड़ना चाहिए। श्री शरीफ ने सम्मेलन के दौरान विवादास्पद चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का भी जिक्र किया। भारत ने अस्ताना दौरे के दौरान एक और कूटनीतिक सफलता हासिल करते हुए एससीओ सम्मेलन के इतर चीन के राष्ट्रपति से द्विपक्षीय बातचीत की। भारत के चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘वन बेल्ट वन रोड’ पर आयोजित बैठक से दूर रहने के बाद यह श्री मोदी की श्री जिनपिंग से पहली महत्वपूर्ण मुलाकात थी। श्री मोदी ने एससीओ सम्मेलन के दौरान अपने भाषण में बिना किसी देश का नाम लिए कहा कि संगठन के समक्ष धार्मिक कट्टरता,आतंकवादियों की भर्ती और उनकी गतिविधियों को वित्तपोषित करने एवं आतंकवाद से लड़ने के लिए साझा प्रयास करने की बड़ी चुनौती है। वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सम्मेलन के दौरान अपने भाषण में कहा कि इस संगठन को शांति को बढ़ावा देने,विश्वास को बनाए रखने और साझा समृृद्वि के लिए अार्थिक विकास को बढ़ावा देने के एक शक्तिशाली प्लेटफार्म के रूप में उभरना चाहिए। उन्होंने उम्मीद व्यक्त करते हुए कहा कि एक प्लेटफार्म के तौर पर यह एससीआे आतंकवाद से लडने,हथियारों की दौड़ को कम करने और गरीबी उन्मूलन की दिशा में मदद करेगा। उल्लेखनीय है कि भारत और पाकिस्तान को वर्ष 2005 से इस संगठन में पर्यवेक्षक का दर्जा हासिल था और आज से ये दोनों देश इस मंच का पूर्ण सदस्य बन गए हैं। इस संगठन की स्थापना वर्ष 2001 में हुई थी और इसके मूल सदस्यों में चीन,रूस ,कजाकस्तान,किर्गिस्तान ,ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान थे।
शनिवार, 10 जून 2017
भारत - पाक को एससीओ के पूर्ण सदस्य का दर्जा,चीन के साथ द्विपक्षीय वार्ता
Tags
# देश
# विदेश
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
विदेश
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें