दुमका : बिरसा मुण्डा के शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि सह परिचर्चा का आयोजन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 9 जून 2017

दुमका : बिरसा मुण्डा के शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि सह परिचर्चा का आयोजन

seminar-on-birsa-munda-myrtles-day
दुमका (अमरेन्द्र सुमन) दिन शुक्रवार  ( दिनांक 9 जून 2017) के अपराह्न 3 बजे सिदो कान्हू मुर्मू वि वि के कांफ्रेंस हॉल में आदिवासी समाज के पुरोधा भगवान बिरसा मुंडा की  शहादत दिवस के अवसर पर एक श्रद्धांजलि सभा सह परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के कुलपति डा (प्रो) मनोरंजन प्रसाद सिन्हा की अध्यक्षता  में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत भगवान   बिरसा मुंडा के चित्र पर माल्यार्पण एवम पुष्पांजलि से हुई। इस अवसर  पर  अपने अध्यक्षीय भाषण में कुलपति डा (प्रो0)  मनोरंजन प्रसाद सिंहा ने भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि बिरसा के योगदान को याद नही करना कर्तव्यहीनता होगी। सीमित   साधनों एवम विपरीत   परिस्थतियों में  भगवन बिरसा मुंडा ने अपने  समय की सबसे  मजबूत शक्ति ब्रिटिश हुकूमत से लोहा लिया और आज़ादी के लिए संघर्ष किया। बिरसा के भय से अंग्रेज़ो ने उन्हें जेल में जहर दे कर मार डाला,   किन्तु  उनकी शहादत उनके अबुआ राज्य की कल्पना को और मजबूत बना दिया।कुलपति प्रो सिन्हा ने बिरसा आंदोलन के बौद्धिक पक्ष को समझने पे जोर दिया एवम वि वि को इस दिशा में आने का अपील किया। प्रति कुलपति प्रो एस एन मुंडा ने बिरसा आंदोलन के सांस्कृतिक एवम सामाजिक पक्ष पर विस्तार से चर्चा की।हिंदी विभाग की अध्यक्ष डॉ प्रमोदिनी हांसदा ने बिरसा के संपूर्ण जीवन पर प्रकाश डाला । राजनीति विज्ञानं के डॉ अजय सिन्हा ने बिरसा आंदोलन की ऐतिहासिक पृष्टभूमि पर चर्चा की और कहा कि महापुरुषों का किसी राज्य या हिस्से में नही बाँटना चाहिए । वो संपूर्ण देश की विरासत है।उन्होंने अबुआ राज्य के दार्शनिक एवम सैद्धान्तिक पक्ष के अध्यन पर जोर दिया। कार्यक्रम में स्वागत भाषण डॉ पी पी सिंह ने दिया एवम धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव डॉ गौरव गांगुली ने दिया।मंच संचालन प्रो ने किया ।

कोई टिप्पणी नहीं: