रांची 13 जून, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य में उग्रवाद को जड़ समाप्त करने की वचनबद्धता दुहराते हुये आज कहा कि इस दिशा में गंभीर प्रयासों का ही परिणाम है कि अब राज्य में नक्सली घटनाओं में 50 प्रतिशत की कमी आई है। श्री दास ने यहां यूनिफाइड कमांड बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि नक्सली अब पॉकेट में सिमट रहे हैं। थोड़ा और प्रयास करें, तो साल के अंत तक नक्सल समस्या पूरी तरह समाप्त हो जायेगी। सीमावर्ती राज्यों से सटे क्षेत्रों में राज्यों के साथ प्रखंड और थाने के स्तर तक समन्वय बनाकर काम करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि राज्य की सीमा से लगे दो किलोमीटर अंदर तक के गांवों में सीमावर्ती विकास कार्यक्रम शुरू किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में भयादोहन के लिए अपराधियों द्वारा संगठन तैयार किया गया है। इनपर भी अंकुश लगाने का काम जारी है। इसे उग्रवादियों से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। डीसी-एसपी के अंतर्गत यूनिफाइड कमांड की तर्ज पर उग्रवाद प्रभावित जिले में इसका गठन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि लोगों में सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए कैंप खोले जा रहे हैं। स्थानीय लोगों को विकास की मुख्यधारा में जोड़ने का काम चल रहा है। सरकार की आकर्षक प्रत्यर्पण एवं पुरस्कार नीति के कारण बड़ी संख्या में राज्य के दुर्दांत उग्रवादी आत्मसमर्पण कर रहे हैं। श्री दास ने एसआरई स्कीम के तहत 314 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि केंद्र सरकार के पास बकाया राशि को शीघ्र जारी करने की मांग की। इसके अलावा उन्होंने केंद्र से पुलिस विभाग को एक हेलिकॉप्टर उपलब्ध कराने का आग्रह भी किया।
मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस कैंप के स्थान पर इंटिग्रेटेड डेवलपमेंट सेंटर शुरू करने, यहां पुलिस सुरक्षा के साथ ही विकास कार्य करने और जिन क्षेत्रों में उग्रवादियों का दबदबा है वहीं नये कैंप शुरू करने का सुझाव दिया। बैठक में बताया गया कि वर्ष 2012 में 180 उग्रवादी घटनाओं की तुलना में वर्ष 2016 में 67 घटनाएं हुईं। पिछले तीन साल से इनमें लगातार कमी आ रही है। रांची में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की शाखा जल्द खुलेगी। आतंकवाद रोधी दस्ते का गठन किया जा चुका है। राज्य को जल्द आईआरबी की तीन बटालियन मिल जायेगी। श्री दास ने उग्रवादी घटनाओं मे शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों और आम नागरिकों को हर वर्ष एक स्थान पर बुलाकर कार्यक्रम करने, उग्रवादियों के साथ ही उनके संरक्षकों पर भी कड़ी नजर रखने और कार्रवाई करने, क्षेत्रों में तैनात जवानों को अच्छी सुविधा मिले इसका खास ध्यान रखने, गृह सचिव की अध्यक्षता में यूनिफाइड कमांड से संबंधित सभी क्षेत्र की हर माह बैठक करने और जो मामले संज्ञान में आयें उनका निराकरण तय अवधि में करने और प्रत्येक तीन माह में मुख्यमंत्री स्तर पर इसकी समीक्षा बैठक करने के निर्देश दिये। बैठक में पुलिस महानिदेशक डी. के. पांडेय, अपर मुख्य सचिव अमित खरे, प्रधान सचिव एस. के. जी. रहाटे, मुख्यमंत्री के सचिव सुनील कुमार वर्णवाल, राज्य के वरीय पुलिस पदाधिकारी, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के वरीय पदाधिकारी, खुफिया विभाग और सशस्त्र सीमा बल के वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अपर सचिव जयदीप गोविंद ने कहा कि झारखंड में उग्रवाद समस्या के निराकरण के लिए काफी बेहतर कार्य हुये हैं। इसके लिए राज्य सरकार की पूरी टीम बधाई के पात्र हैं। यहां के आंकड़े पूरे देश के लिए उत्साहवर्द्धक और प्रेरक हैं। छोटे-छोटे कदम उठा कर राज्य को उग्रवाद मुक्त कराया जा सकता है। राज्य सरकार का पूरा सहयोग केंद्रीय बलों को मिल रहा है। मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने कहा कि राज्य उग्रवाद मुक्त होने की दिशा में बढ़ रहा है। फिलहाल केंद्र यहां से सुरक्षा बलों को न हटाये।
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