युवाओं पर ही टिका है देश का भविष्य : नीतीश - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 11 जून 2017

युवाओं पर ही टिका है देश का भविष्य : नीतीश

youth-nation-future-nitish
पटना 10 जून, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने युवाओं को देश का भविष्य बताया और कहा कि युवाओं पर ही पूरे राष्ट्र का भविष्य निर्भर है।  श्री कुमार ने आज यहां सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित राष्ट्रीय युवा संसद को संबोधित करते हुए कहा कि युवाओं पर ही पूरे देश का भविष्य निर्भर है। भारत में युवा आबादी बाकी देशों की तुलना में सर्वाधिक है और देश के अंदर सर्वाधिक युवा आबादी आनुपातिक रूप से बिहार में है। उन्होंने कहा कि यह अपने आप में काफी महत्वपूर्ण बात है कि आज इस पाटलिपुत्रा राष्ट्रीय युवा संसद में युवाओं द्वारा विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर चर्चा की जायेगी। मुख्यमंत्री ने मगध साम्राज्य की चर्चा करते हुए कहा कि मगध साम्राज्य के विस्तार को देखें तो वह आज के भारत से बड़ा इलाका था, जिसकी राजधानी पाटलिपुत्र थी। बिहार शिक्षा का भी केन्द्र था। नालन्दा, बिक्रमशिला, उद्वंतपुरी विश्वविद्यालय के साथ-साथ तेलहारा विश्वविद्यालय भी यहीं थे। उन्होंने कहा, “मुझे शुरू से यह महसूस होता है कि बिहार में राजनीति के प्रति आकर्षण सबसे ज्यादा है। यहां राजनीतिक बात करते हुये सब मिलेंगे। आप कहीं भी जाईये राजनीतिक बात पर सब चर्चा करते हैं। ”  श्री कुमार ने स्वतंत्रता संग्राम में बिहार के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि वर्ष 1857 में वीर कुंवर सिंह के योगदान को देखें, इसी तरह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का चम्पारण सत्याग्रह में भी अहम योगदान था। 


चम्पारण सत्याग्रह से ना सिर्फ किसानों के ऊपर हो रहे अत्याचार को समाप्त करने में सफलता मिली बल्कि सत्याग्रह के बाद आजादी की लड़ाई जन आन्दोलन में परिणत हो गयी थी। चम्पारण सत्याग्रह के 30 साल के अन्दर ही देश को आजादी मिल गयी थी।  मुख्यमंत्री ने कहा कि चंपारण में गांधीजी ने न सिर्फ राजनैतिक अभियान चलाया था बल्कि सामाजिक आन्दोलन की भी शुरूआत की थी। चम्पारण सत्याग्रह के साथ-साथ राष्ट्रपिता ने स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता, भेदभाव से मुक्ति आदि के लिये भी कार्य प्रारंभ किया था। उन्होंने जेपी के संपूर्ण क्रांति की चर्चा करते हुए कहा कि जेपी के नेतृत्व में एक बड़ा परिवर्तन आया और लाखों लोग जेल गये। केंद्र में पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार बनी। उन्होंने कहा कि बिहार में राजनैतिक अभियान बहुत चले हैं लेकिन समाज सुधार के क्षेत्र में बहुत प्रयास नहीं हुआ है। सामाजिक मसले काफी जटिल हैं।  श्री कुमार ने कहा कि शराबबंदी से राज्य में नये सामाजिक क्रांति का सूत्रपात किया है। उन्होंने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि यदि लोगों ख़ासकर युवाओं की मदद नहीं मिलती, तो शराबबंदी के अभियान को लागू करने में सरकार सफल नहीं होती। लोगों की मानसिकता को बदलकर कामयाबी पायी जा सकती है, यह शराबबंदी ने सिखाया। उन्होंने शराबबंदी और नशामुक्ति को लेकर आयोजित मानव श्रृंखला की चर्चा करते हुए कहा कि अभियान में करोड़ों लोगों ने शपथ ली। 

श्री कुमार ने पुत्र-पुत्री को लेकर सामाजिक सोच की चर्चा करते हुए कहा कि समाज में यह आज भी हो रहा है। बेटा पैदा होने पर लोग खुशियां मनाते हैं, बेटी पैदा होने पर नहीं। लड़कों के शिशु मृत्यु दर में काफी कमी आयी है लेकिन लड़कियों के शिशु मृत्यु दर में उतनी कमी नहीं है। लोग बेटों के बीमार होने पर तत्काल इलाज कराते हैं, ऐसा ही बेटी में भी होना चाहिए। बेटा हो या बेटी दोनों का तुरंत इलाज कराना चाहिये। उन्होंने कहा कि सृष्टि की संरचना नर और नारी के मेल से हुयी है। मुख्यमंत्री ने कुपोषण के संबंध में कहा कि कुपोषण के कारण बिहार में नाटेपन-स्टंटिंग ग्रोथ की समस्या है। मां और बच्चे दोनों के कुपोषण इसका प्रमुख कारण हैं। इसका एक और कारण बाल विवाह है। लड़की कम उम्र में गर्भ धारण करती है तो मां और बच्चे दोनों कुपोषित होते है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह गैर कानूनी है। 18 साल से कम उम्र की लड़की और 21 साल से कम उम्र के लड़के की शादी गैरकानूनी है, फिर भी यह हो रहा है, इसके लिये जागरूकता एवं सशक्त अभियान जरूरी है। श्री कुमार ने जोर देकर कहा कि सामाजिक मुद्दों पर जनमत को निरंतर जागृत होना चाहिये। पाटलिपुत्रा राष्ट्रीय युवा संसद में के माध्यम से युवा विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर बहस करेंगे। यदि युवाओं में सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ जागृति आ जाये तो देश का भविष्य उज्ज्वल हो जायेगा। युवाओं की सोच में परिवर्तन आता है तो समाज को बदलने से कौन रोक सकता है। इस मौके पर पाटलिपुत्रा राष्ट्रीय युवा संसद की तरफ से भ्रूण हत्या एवं शराबबंदी पर नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। युवा संसद की ओर से मुख्यमंत्री को आचार्य किशोर कुणाल एवं पाटलिपुत्रा राष्ट्रीय युवा संसद के संस्थापक श्री शायन कुणाल द्वारा अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह् भेंट किया गया। 

कोई टिप्पणी नहीं: