मधुबनी : बच्चों को निमोनिया से बचाव के लिए सरकार द्वारा न्युमोकोकल कंज्युवेट वैक्सीन का जिला सदर अस्पताल में आज विधिवत उद्घाटन किया गया. इस वैक्सीन उदघाटन कार्यक्रम को सदर अस्पताल मधुबनी में जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक के द्वारा दीप जला कार किया गया. इस अवसर पर सिविल सर्जन डा. अमर नाथ झा ने कहा कि पीसी वैक्सीन से प्रति वर्ष 15 हजार बच्चे प्रतिरक्षित किये जायेंगे. 1.5 माह, 3.5 माह, व नौ माह उम्र के बच्चे को 5 एमएल का एंजेक्सन दाहिने जांघ के मांस में दिया जायेगा. यह वैक्सीन काफी महंगा है. बाजार में इसकी कीमत लगभग 4 हजार रुपये है. जबकि सरकार इसे मुफ्त में अस्पताल में उपलब्ध करायी है. सिविल सर्जन डा. झा ने कहा कि यह वैक्सीन न तो ज्यादा गर्म और न ही अधिक ठंडा बर्दास्त करता है. लिहाजा सभी कोल्ड चैन हेडलर को अनुकूल तापमान में रखने का निर्देश दिया गया है ताकि वैक्सीन की गुणवत्ता नियंत्रित रह सके. इस टीका के बाद निमोनिया जैसे जानलेवा बीमारी से बच्चों को निजात मिलेगी. बच्चों के कुल मृत्यु में 16 प्रतिशत मृत्यु निमोनिया रोग से ही होती है. जिला स्तर से पीएचसी स्तर तक पीसी वैक्सीन उपलब्ध करा दी गई है.
ज्ञात हो कि इस वैक्सीन की राष्ट्रीय स्तर पर एक साथ लांचिंग की गई है और देश भर से चुने गए 35 जिलों में मधुबनी भी शामिल है. वैक्सीन के लिए बिहार के 17 जिले, उत्तर प्रदेश के 6, और हिमाचल प्रदेश के 12 जिलों को शामिल किया गया है. बताया गया कि पुरे दुनिया में 10 लाख बच्चों की मृत्यु निमोनियां से होती है जिसमें से दो लाख अर्थात बीस फीसदी भारत में होती है जबकि दुनिया में बच्चों के मृत्यु दर में भी निमोनियां से सर्वधिक सोलह फीसदी निमोनियां से ही होती है. चौंकाने वाला आंकडा है कि निमोनियां से मरने वाला हर पांचवां बच्चा भारत का होता है. इस आंकड़े के आधार पर ही इस निमोनियां उन्मूलन कार्यक्रम के तहत इस वैक्सीन को लाँच किया गया है जिसकी शुरुआत देश भर के 35 जिले से की जा रही है.
हालाँकि यूनिसेफ प्रवक्ता ने बताया कि यह नया वैक्सीन नहीं है और 139 देशों में इसका पहले से इस्तेमाल किया जा रहा है, भारत में भी 2005 से यह वैक्सीन निजी अस्पतालों में दिया जा रहा है. PCV-13 निमोनियां के लिए अत्यंत कारगर वैक्सीन है जिसका अब तक कोई नकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया है. चूँकि यह एक महंगा वैक्सीन है इसलिए विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से यथा विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ के माध्यम से लोगों के बीच मुफ्त में लगाने के लिए इस मुहीम को बढाया जा रहा है. यह एक महगा टीका है और इस वैक्सीन की कीमत चार हजार रूपये है, इसे सुरक्षा के लिए +2 से +8 डिग्री तापमान में रखा जाता है जिसकी समुचित व्यवस्था मधुबनी सदर अस्पताल में की गई है और बताया गया है कि यह व्यवस्था सूबे के सभी अस्पतालों से बेहतर है जहाँ टीके की समुचित रखरखाव के लिए साधन उपलब्ध हैं, यह टीका जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर आज से उपलब्ध है जिसका नियमानुसार तीन डोज बच्चों को दिया जाना है. पहला डोज 6 सप्ताह पर, दुसरा डोज 14 सप्ताह पर और तीसरा 9 वें महिना में, यह टीका दाहिने जांघ के बहरी या मध्य भाग में दिया जाना है साथ ही यह वैक्सीन अन्य टीकों के साथ भी दिया जा सकता है. इस PCV वैक्सीन के लिए पहले साल में 18 हजार बच्चों को टीका लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है साथइ इसकी गुणवत्ता के लिए सरकारर गहन पर्यवेक्षण का निर्देश भी जारी किया गया है !
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