नयी दिल्ली 03 जुलाई, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा है कि अयोध्या में रामजन्मभूमि मामले में उन पर मुकदमा चलाना असल में राम के नाम पर भारतीय जनमानस की आस्था पर मुकदमा चलाना है। सुश्री भारती ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि उनसे पूछा जा रहा है कि अयोध्या के 1992 के रामजन्मभूमि आंदोलन के मामले में उन्हें अभियुक्त बनाया गया है तो क्या वह इस्तीफा देंगी। उन्होंने कहा कि वह स्पष्ट करना चाहेंगी कि उन्होंने 2004 में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के पद से इसलिये इस्तीफा दिया था क्योंकि उन्होंने हुबली में कर्फ्यू तोड़ा था और अदालत ने उन्हें अपराधी के रूप में मानकर वारंट जारी किया था। उन्होंने इसलिये इस्तीफा दिया था कि वह एक अपराधी के रूप में पद पर नहीं रह सकतीं थीं। उन्होंने कहा कि रामजन्मभूमि अांदोलन में तो भाजपा का हर कार्यकर्ता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का हर स्वयंसेवक भागीदार था और उसी प्रकार से वह भी भागीदार थीं। यह समझ नहीं आ रहा है कि क्या वे सब अपराधी हैं या सब भागीदार हैं। उन्होंने सवाल किया कि इस देश में राम का नाम लेना और अयोध्या जाना अपराध कैसे हो गया है। सुश्री भारती ने कहा कि इस देश में सौ करोड़ नागरिकों की आस्था राम में हैं। घर में बच्चे के जन्म के मौके पर कौशल्या के राम और विवाह के मौके पर राम सीता के विवाह तथा मृत्यु होने पर ‘राम नाम सत्य’ का उच्चारण दर्शाता है कि राम के नाम की आस्था देश में कितनी गहरी है। उन्होंने कहा कि रामजन्मभूमि आंदोलन में भागीदारी के भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरलीमनोहर जोशी और उन्हें अभियुक्त बनाकर मुकदमा चलाना दरअसल राम के नाम पर भारतीय जनमानस की आस्था पर मुकदमा चलाना है। सुश्री भारती कल यहा राष्ट्रीय लोधी समाज प्रतिभा सम्मान समारोह को संबोधित कर रहीं थीं।
मंगलवार, 4 जुलाई 2017
मुकदमा मुझ पर नहीं, राम के नाम पर भारतीय जनमानस की आस्था पर चलेगा : उमा भारती
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