बीजिंग/नयी दिल्ली, 03 जुलाई, भारत-चीन और भूटान की सीमा से जुड़े विवाद के परिप्रेक्ष्य में चीन ने भारत को आगाह करते हुए आज कहा कि वह अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा करने के लिए हर आवश्यक कदम उठाने के लिए तैयार है, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शौंग ने एक वक्तव्य में कहा कि भारत को सिक्किम सीमा पर अपनी सेना हटा लेनी चाहिए, उन्होंने कहा कि भारत की तरह आज का चीन भी 1962 से बहुत अलग है। चीन के इस बयान को रक्षामंत्री अरुण जेटली के उस बयान की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है जिसमें उन्होंने कहा था कि 2017 में भारत की स्थिति 1962 से बहुत अलग है , ठीक वैसा ही जैसा चीन के अलग हैं। चीन के सरकारी समाचार पत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने चीनी विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि भारतीय सेना के साथ तनाव के बीच चीन किसी भी सूरत में अपनी संप्रभुता की रक्षा करेगा, फिर चाहे उसे युद्ध ही क्यों न करना पड़े। ‘ग्लोबल टाइम्स’ के अनुसार यदि भारत और चीन के बीच मौजूदा सीमा विवाद को सही ढंग से नहीं सुलझाया गया तो युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। समाचार पत्र ने डोकलाम क्षेत्र को चीन के प्रभुत्व वाले तिब्बत का भाग बताते हुए कहा कि यह विवाद उस समय और बढ़ गया जब भारतीय सेना ने चीनी सेना को डोकलाम के यादोंग में सड़क बनाने से राेकने के लिए बुलडोजरों के साथ वहां प्रवेश किया। इस बीच भूटान सरकार ने दावा किया है कि चीन ने सड़क का निर्माण उसकी सीमा में किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में 30 जून को एक वक्तव्य जारी कर भूटान के दावे का समर्थन किया था और इस मामले का शांतिपूर्ण ढंग से समाधान करने की अपील की थी।
सोमवार, 3 जुलाई 2017
क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा करने के लिए हर आवश्यक कदम उठायेंगे: चीन
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