आरा। भोजपुर जिले के एस.पी.क्षत्रनील सिंह ने कहा है कि गलत तरीके से बेच दी गई है चर्च की जमीन। एक ही दिन 13 लोगों के नाम रजिस्ट्री कर दी गयी। रजिस्ट्रार प्रमोद सिंह समेत 22 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज। करोड़ों रूपये का जमीन घपला पर सीएम ने दिया था जांच का आदेश। भोजपुर कारोबारी कृष्ण कुमार सिंह की हत्या के बाद पुलिस- प्रशासन चौकस हो गया है। भू-माफियाओं पर नकेल कसने को लेकर पुलिस ने कवायद शुरु कर दी है। इसी क्रम में शहर के चर्च की जमीन गलत तरीके से रजिस्ट्री करने एवं करवाने के मामले में 25 लोगों पर नामजद एफआईआर नवादा थाने में दर्ज किया गया है। पुलिस सूत्रों की माने तो इस मामले में नवादा थाना क्षेत्र के हरी जी हाता मुहल्ला निवासी जनार्दन सिंह, उनकी पत्नी मीना सिंह, जगदीशपुर के हरदिया निवासी आदेश सिंह, नगर थाना के मारुति नगर निवासी अजय कुमार सिंह, जगदीशपुर थाना के हरदिया निवासी बिरेंद्र प्रसाद सिंह, नगर थाना क्षेत्र के बाबू बाजार निवासी अंकु कुमार, उदवंतनगर के कारीसाथ निवासी अमरनाथ सिंह, नगर थाना के मारुति नगर निवासी भूजेन्द्र कुमार सिंह, उनकी पत्नी भावना सिंह, बड़हरा के रामपुर निवासी अशोक कुमार सिंह, उनकी पत्नी पूनम देवी, कोईलवर के सकड्डी निवासी मनीष कुमार सिंह, जगदीशपुर के हरदिया निवासी लल्लू सिंह पर गलत तरीके से जमीन रजिस्ट्री करवाने के मामले में नामजद किया गया है। नवादा थानाध्यक्ष नेयाज अहमद ने बताया कि इस मामले में कुल 22 लोगों पर एफआरआई किया गया है जिसमें 15 लोग जमीन खरीदने वाले हैं। 3 लोग गवाह हैं। 1 पावर ऑफ अटॉर्नी देने वाला, 2 जमीन बेचने वाले तथा एक निबंधन कार्यालय के रजिस्ट्रार हैं। थानाध्यक्ष ने बताया कि केस के वादी वे खुद हैं। कांड के अनुसंधानकर्ता कोईलवर सर्किल इंस्पेक्टर चंद्रशेखर गुप्ता को बनाया गया है। इस मामले में अन्य लोगों की संलिप्तता की बात सामने आ रही है, जिन्हें भी नामजद अभियुक्त बनाया जाएगा। अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए आज से छापेमारी अभियान शुरू किया जाएगा।
चर्च की जमीन की अवैध रूप से खरीद-बिक्री में कई रसूखदार शामिल
शहर के बीचोबीच स्थित मेथोडिस्ट चर्च की जमीन पर अवैध तरीके से खरीद-बिक्री करने के मामले में दो महिला समेत 22 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी। रविवार को नवादा थाने के इंस्पेक्टर के बयान पर मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में शहर के कई सफेदपोश का नाम सामने आया है। बता दें कि दर्ज प्राथमिकी के अनुसार इस मामले में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़, हाथरस रोड निवासी मोस्ट रेव जॉनसन टी जॉन सहित 22 लोग नामजद किये गये हैं। मामला वर्ष 7 अक्तूबर, 2016 की है। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब इसी वर्ष निश्चय यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री भोजपुर आये थे तो स्थानीय विधायक ने इस मुद्दे को उठाया था। इसके बाद मुख्यमंत्री के आदेश पर पूरे मामले की जांच सरकार के कमिश्नर आनंद किशोर ने की, जिसके बाद इस मामले में 22 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी। 1967 से ही विवादित थी जमीन, प्रशासन और चर्च के बीच चल रहा था ।
हाइकोर्ट में मामला : इस जमीन को लेकर 1967 से ही मेथोडिस्ट चर्च और प्रशासन के बीच मामला हाइकोर्ट में चल रहा था। हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में ये जमीन चर्च के पक्ष में फैसला सुनाया गया था, जिसके बाद उक्त लोगों ने इस जमीन की रजिस्ट्री करवा ली। इस मामले में हाइकोर्ट के आदेशानुसार भोजपुर के जिलाधिकारी ने इस मामले में संज्ञान लिया। हालांकि प्रशासन का दावा है कि ये जमीन एमएमपी की है। वहीं इसे चर्च वाले अपना जमीन मान रहे हैं। पूरी मामले की जांच बिहार सरकार के कमिश्नर द्वारा की गयी थी। हालांकि इस मामले में इस चर्च के संरक्षक मेथोडिस्ट चर्च द्वारा बिहार सरकार को पत्र लिख कर अवगत कराया गया था, कि इस मामले में फर्जी हस्ताक्षर कर जमीन की रजिस्ट्री करवायी गयी, जिसके बाद पूरे मामले की छानबीन की गयी. छानबीन में यह पता चला कि पूरे मामले में फर्जीवाड़ा की गयी है। इसके बाद उक्त लोगों पर मामला दर्ज किया गया. पुलिस मामले की छानबीन में जुट गयी है।
मुख्यमंत्री ने दिया था जांच का आदेश : जनवरी माह में निश्चय यात्रा के दौरान आरा विधायक अनवर आलम ने इस मुद्दे को उठाया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने पूरे मामले की जांच जिलाधिकारी को सौंपा था। इसी क्रम में स्थानीय विधायक ने चर्च की जमीन तथा बीबीजान के हाता के जमीन को भू-माफियाओं के कब्जा करने की बात बतायी गयी थी, जिसके बाद जिलाधिकारी ने इस मामले में जांच टीम गठित कर जांच करवाया था। भोजपुर में चल रहा है सरकारी जमीन पर भू माफियाओं का कब्जा : भोजपुर जिले में भू माफिया रैयती जमीन छोड़ कर सरकारी जमीन हथियाने में जुट गये हैं। चर्च और बीबी जान का हाता की जमीन भी इसी कड़ी का देन है। पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच की जा रही है।
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