गांधीनगर,02 जुलाई, केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने राष्ट्रपति चुनाव को सैद्धांतिक लड़ाई बताने के लिए प्रमुख विपक्षी कांग्रेस को आज आड़े हाथों लेते हुए सवाल किये कि जब इंदिरा सरकार ने देश में आपातकाल लगाया था, उस वक्त उसके सिद्धांत कहां चले गये थे? श्री नायडू ने टेक्सटाइल इंडिया 2017 के समापन समारोह के बाद मीडियाकर्मियों के एक सवाल के जवाब में कहा कि कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रपति चुनाव को सामाजिक न्याय के लिए लड़ी जाने वाली सैद्धांतिक लड़ाई करार दिया है, जो महज राजनीतिक दुष्प्रचार है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि जब उसकी सरकार ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी, विपक्षी नेताओं को जेल के सींखचों के भीतर डाल दिया था, मीडिया पर सेंसरशिप लगाया था, खिलाफ में फैसला देने वाले उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश की वरीयता की अनदेखी की थी और देश के लाखों लोगों को परिवार नियोजन के लिए मजबूर कर दिया था, उस वक्त उसके सिद्धांत कहां चले गये थे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में छह दशक तक राज करने वाली कांग्रेस आज सामाजिक न्याय के नाम पर राष्ट्रपति चुनाव लड़ रही है, लेकिन उसने सामाजिक न्याय के लिए यदि कुछ किया होता तो देश के निचले वर्गों की स्थिति कब की बदल चुकी होती। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद की जीत का दावा करते हुए कहा कि श्री कोविंद को उनकी कार्यदक्षता और पृष्ठभूमि तथा संविधान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के आधार पर उम्मीदवार बनाया गया है और यही वजह है कि उन्हें चौतरफा समर्थन मिल रहा है। श्री नायडू ने कहा कि श्री कोविंद को राजग का उम्मीदवार जाति के आधार पर नहीं, बल्कि क्षमता और संविधान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के आधार पर चुना गया है और यही कारण है कि राजग के घटक दलों के अलावा जनता दल यू, बीजू जनता दल, तेलंगाना राष्ट्र समिति, वाईएसआर कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल का भी समर्थन मिल रहा है। एक जुलाई से देश भर में लागू वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के कांग्रेस-विरोध के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जीएसटी को जल्दबाजी में पेश करने या किसी और तरह का विपक्ष का बहाना बेबुनियाद है। कांग्रेस हर मुद्दे में राजनीतिक लाभ ढूंढ़ती है।
सोमवार, 3 जुलाई 2017
आपातकाल के वक्त कांग्रेस के सिद्धांत कहां चले गये थे : नायडू
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