देश में नहीं हुआ अपेक्षित विकास : मोदी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 4 जुलाई 2017

देश में नहीं हुआ अपेक्षित विकास : मोदी

country-did-not-touch-new-heights-of-development-as-expected-modi
नयी दिल्ली 03 जुलाई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इस बात पर अफसोस जताया कि देश में अपेक्षित विकास नहीं हुआ है और भारतीय प्रशासनिक सेवा के युवा अधिकारियों को सलाह दी कि वे बदलाव को रोकने वाली साेच से बचें, श्री मोदी ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2015 बैच के अधिकारियों काे संबोधित करते हुए यहां कहा कि जो देश भारत के बाद आजाद हुए और जिनके पास यहां के मुकाबले संसाधनों की भी कमी थी,उन्होंने विकास की नयी ऊंचाइयां छू लीं। उन्होंने कहा कि भारत में उतना विकास नहीं हुआ जितना हो सकता था । उन्होंने युवा आईएएस अधिकारियों का बदलाव काे रोकने वाली मानसिकता से दूर रहकर देश की प्रशासनिक व्यवस्था को ‘नये भारत ’ की ऊर्जा से भरने का आह्वान किया । व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव के लिए प्रभावी परिवर्तन और साहस की जरूरत है । पृथक किस्म की प्रशासनिक व्यवस्था के कारण अधिकारी अपनी पूरी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाते । प्रधानमंत्री ने युवा अधिकारियों से अपने वरिष्ठ अधिकारियों से खुलकर बातचीत करने को कहा ताकि उनके नये विचारों और ऊर्जा के समन्वय से व्यवस्था को फायदा मिल सके । श्री मोदी ने इन अधिकारियों से कहा कि केंद्रीय लोकसेवा आयोग की परीक्षा पास करने के दौरान उन्होंने जिन चुनौतियों सामना किया उसके अनुभवों से वे व्यवस्था के साथ -साथ आम आदमी की जिंदगी में भी सकारात्मक बदलाव लायें।

कोई टिप्पणी नहीं: