बिहार के जनादेश से गद्दारी और लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ भाकपा-माले का धिक्कार मार्च. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 27 जुलाई 2017

बिहार के जनादेश से गद्दारी और लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ भाकपा-माले का धिक्कार मार्च.

  • आरा में पार्टी महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य और राज्य सचिव कुणाल शामिल हुए धिक्कार मार्च में.
  • राजधानी पटना में नीतीश-मोदी का पुतला दहन, राज्य के कई जिला केंद्रों पर हुआ प्रदर्शन.

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पटना 27 जुलाई, बिहार जनादेश 2015 से खुली गद्दारी और सत्ता के लिए नीतीश कुमार द्वारा तख्तापलट के खिलाफ आज भाकपा-माले ने राजधानी पटना सहित पूरे राज्य में धिक्कार दिवस का आयोजन किया. पटना में कारगिल चैक पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व नीतीश कुमार का पुतला दहन किया गया. इसका नेतृत्व भाकपा-माले विधायक दल के नेता काॅ. महबूब आलम, पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद, ऐपवा की राष्ट्रीय महासचिव काॅ. मीना तिवारी, सरोज चैबे, शशि यादव आदि नेताओं ने किया. पुतला दहन के उपरांत वहां पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए काॅ. महबूब आलम ने कहा कि बिहार के जनादेश से इस खुली गद्दारी के लिए बिहार की जनता नीतीश कुमार को कभी माफ नहीं करेगी. जनादेश भाजपा के जहरीले सांप्रदायिक नीतियों के खिलाफ था, लेकिन नीतीश कुमार ने तख्तापलट करते हुए उसी भाजपा से हाथ मिला लिया. उन्होंने ऐसा करके बिहार के दलित-गरीबों, महिलाओं, अल्पसंख्यक समुदाय और तमाम सेकुलर जमात को धोखा देने का काम किया है. उन्होंने आगे कहा कि महागठबंधन की राजनीतिक एकता नोटबंदी, राष्ट्रपति आदि मामलों में पहले से ही कमजोर थी. नीतीश कुामर में भाजपा की ओर जाने की प्रवृति पहले से ही थी. पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद ने कहा कि बीजेपी की तरफ नीतीश कुमार को जाने से रोकने में लालू प्रसाद भी असफल रहे. उन्होंने कहा कि भाजपा भले ही चोर दरवाजे से बिहार की सत्ता में आ गयी हो, लेकिन बिहार की जनता उसकी नीतियों के खिलाफ है. अब सीधे-सीधे सांप्रदायिक ताकतों से मुकाबला होगा.


उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने राजनीतिक अवसरवादितता का चरम उदाहरण पेश करते हुए एक बार फिर से भाजपा का दामन थाम लिया है. जिन सामंती-सांप्रदायिक ताकतों का मनोबल महागठबंधन के नेतृत्व वाली सरकार में भी तनिक कम न हुआ, वे अब सीधे-सीधे बिहार की सत्ता में पहुंच गए हैं. ऐसी स्थिति में, बिहार के दलित-गरीबों, महिलाओं और अल्पसंख्यक समुदाय के सामने अपने आंदोलनों को और मजबूत व धरदार बनाने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है. इसी के जरिए भाजपा जैसी ताकतों से निपटा जा सकता है. काॅ. मीना तिवारी ने कहा कि नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के खिलाफ खूब डींगें हाँक रहे हैं, पर उन्होंने जो कुछ किया वह बदतरीन किस्म के राजनीतिक भ्रष्टाचार के सिवाय कुछ नहीं है. यह लोकतंत्र की हत्या है. सभा को काॅ. सरोज चैबे व शशि यादव ने भी संबोधित किया, जबकि संचालन रणविजय कुमार ने किया. इस मौके पर पटना नगर सचिव अभ्युदय, उमेश सिंह, नवीन कुमार, समता राय, मोख्तार, सुधीर कुमार, रामकल्याण सिंह, रामबलि प्रसाद, अशोक कुमार आदि नेता शामिल थे. आरा में धिक्कार मार्च के तहत पार्टी महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य, राज्य सचिव काॅ. कुणाल, जिला सचिव काॅ. जवाहर लाल सिंह के नेतृत्व में जिला पार्टी मुख्यालय से कार्यकर्ताओं ने धिक्कार मार्च निकाला और स्टेशन गोलबंर पर प्रतिरोध सभा आयोजित की गयी. 



समस्तीपुर में राज्यव्यापी धिक्कार दिवस के तहत भाकपज्ञ-माले के कार्यकर्ताओं ने नीतीश कुमार का पुतला दहन किया. इसके पूर्व शहर के प्रखंड मुख्यालय से राजधानी चैक तक जुलूस निकला. अध्यक्षता सुरेेंद्र प्रसाद सिंह ने की. मोतिहारी में गांधी चैक पर माले कार्यकर्ताओं ने नीतीश कुमार का पुतला दहन किया. पूर्णिया में भी मार्च निकालकर मोदी-नीतीश का पुतला दहन किया गया. गोपालगंज, जहानाबाद, सिवान, दरभंगा आदि जगहों पर भी धिक्कार मार्च आयोजित किए गए.

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