भाकपा बिहार में व्यापक जन आन्दोलन के लिए तैयार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 7 जुलाई 2017

भाकपा बिहार में व्यापक जन आन्दोलन के लिए तैयार

  • 24 से 26 जुलाई तक कृषि एवं किसानों के सवाल पर राज्यव्यापी प्रदर्शन एवं जेल भरो आन्दोलन
  • 9 से 15 अगस्त तक - राज्यव्यापी भूमि संघर्ष
  • 5 , 6 अक्टूबर को - राज्यव्यापी जन सत्याग्रह।
  • 9  अगस्त को - छात्रा-नौजवानों का जिला समाहरणालयों पर जुझारू प्रदशर्दन।
  • 30  जुलाई को - बेरोजगारी के सवाल पर पटना में राज्यस्तरीय कन्वेंशन

cpi logo
पटना, 7 जुलाई। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की बिहार राज्य परिषद की बैठक 6 से 7 जुलाई, 2017 को पूर्व विधायक रामचन्द्र सिंह, पार्टी के दरभंगा जिला सचिव नारायण जी झा तथा पटना जिला के खेत मजदूर नेता अर्जुन राम की अध्यक्षता में पटना के केदार दास भवन में संपन्न हुई। इस अवसर पर पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व सांसद नागेन्द्र नाथ ओझा भी बैठक में उपस्थित थे। बैठक में समाज के विभिन्न हिस्सों - किसान, खेत मजदूर, छात्र-नौजवान, दलित आदि के ज्वलंत सवालों पर कई राज्यव्यापी आन्दोलन के निर्णय लिए गए। बैठक में पार्टी की पूरी शक्ति को आन्दोलनों में झोंकने का संकल्प लिया गया। बैठक में एक राजनीतिक रिपोर्ट सर्वसम्मति से स्वीकृत की गयी। रिपोर्ट में भाजपा और संघ परिवार के द्वारा सुविचारित और सुनियोजित ढ़ंग से देषभर में की जा रही साम्प्रदायिक एवं जातीय हिंसा की कड़ी निन्दा की गयी है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भाजपा सहित पूरा संघ परिवार संविधान के आदर्षों एवं मूल्यों को नष्ट करने पर आमादा है। संघ परिवार की ये सभी खतरनाक कार्रवाइयां केन्द्र की मोदी सरकार के सरंक्षण में हो रही है। हर हालत में इन खतरनाक कार्रवाइयों को रोकने की सख्त जरूरत है। भाजपा और संघ परिवार के द्वारा खेले जा रहे इस खतरनाक खेल को रोकने के वास्ते भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी समाज के सभी धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक एवं वामपंथी शक्तियों को एकजुट करेगी। 

रिपोर्ट में कृषि और किसानों की बदहाली पर गहरी चिंता व्यक्त की गयी। किसानों की आत्महत्या का सिलसिला देष भर में जारी है। कृषि घाटे में चल रही है। छोटे और मझौले किसान खेती से भाग रहे हैं। क्योंकि उन पर कर्ज का भारी बोझ पड़ गया है। इनकी फसलों का लाभकारी मूल्य नहीं मिल रहा है। नरेन्द्र मोदी के शासनकाल में ही 2016-17 में कृषि उत्पाद के मूल्यों में भारी गिरावट दर्ज की गयी। जैसे ज्वार का निर्धारित मूल्य में 18ःए रागी का 20ःए सूर्यमुखी का 3ःए मूंगफली का 4ःए मूंग का 7ःए और ऊरद का 4ःए गिरावट आयी। इस  परेषानी से देषभर में किसान आत्म हत्यायें कर रहे हैं और आन्दोलन के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं। इसी सिलसिले में मध्य प्रदेष के मंदसौर में किसानों के उग्र आन्दोलन पर भाजपा की राज्य सरकार की पुलिस ने गोलियां बरसायी जिसमें कम से कम सात किसानों की मौत हो गयी। रिपोर्ट में बिहार के बदहाली पर चिंता व्यक्त की गयी है। खासकर किसानों, भूमिहीन खेत मजदूरों, गरीबों, दलितों, महिलाओं, छात्रों और षिक्षकों की समस्याओं को लेकर पार्टी ने चिंता प्रकट की है। राज्य सरकार की आलोचना करते हुए रिपोर्ट में कहा  गया है कि लम्बा काल बीत जाने के बाद भी बिहार में भूमि सुधार लागू नहीं हुआ। छः लाख गृहविहीन परिवार आज भी बेघर हैं। बड़ी संख्या में पर्चाधारियों को जमीन से बेदखल कर दिया गया है। बंद्योपाध्याय कमीषन रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 21 लाख एकड़ भूदान, सरकारी, गैर मजरूआ और हदबंदी से फाजिल जमीन बड़े भू-स्वामियों, दबंगों और अपराधियों के अवैध कब्जे में है। इसके लिए मुख्य जिम्मेवार राज्य सरकार है। क्योंकि राज्य सरकार में भूमि सुधार की इच्छा शक्ति नहीं है। प्रषासनिक अधिकारी भी भूमि सुधार का भीतरघात करते हैं। पार्टी ने राज्य भर में भूमि सुधार आन्दोलन चलाने का निर्णय लिया है। प्रथम चरण में 9 से 15 अगस्त तक पार्टी बेदखल पर्चाधारियों की जमीन पर चढ़ेगी और उस पर पर्चाधारियों को कब्जा दिलायेगी। 
किसानों की समस्या भी सरकार सुलझा नहीं रही है। बाढ़ से प्रतिवर्ष किसानों के अरबों की फसल बर्बाद हो जाती है। राज्य की खेती की आधी जमीन में भी सिंचाई की व्यवस्था नहीं है। किसानों की फसल की लाभकारी मूल्य नहीं मिल रहा है। कृषि इनप्यूट महंगी हो जाने से खेती का खर्च भी बढ़ गया है। यहां भी किसान असंतुष्ट और अषांत हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी 24 से 26 जुलाई तक किसानों के सवालों को लेकर प्रदर्षन और जेल भरो आन्दोलन चलाने का निर्णय लिया है।  राज्य में सबसे खराब हालत षिक्षा क्षेत्र की है। यहां की षिक्षा माफियाओं के कब्जे में है। स्कूलों और काॅलेजों में षिक्षकों के हजारों स्वीकृत पद रिक्त हैं। नियोजित षिक्षकों से काम लिया जा रहा है। समान काम के लिए समान वेतन और समान षिक्षा प्रणाली सपना ही बनी हुई है। छात्रों और षिक्षकों में काफी असंतोष है। छात्र और षिक्षक आंदोलित हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी इनकी मांगों और आन्दोलनों का जोरदार समर्थन करती है। राज्य में कानून व्यवस्था की बुरी हालत हैं यहां विभिन्न माफिया गिरोहों और अपराधियों की समानान्तर सरकार चलती है। राज्य सरकार इन्हें रोक पाने में विफल हैं। बेरोजगारी भी राज्य की एक भीषण समस्या है, खासकर ग्रामीण बेरोजगारी। लाखों ग्रामीण युवक हर साल रोजगार के लिए बिहार से पलायन कर रहे हैं। षिक्षित युवक भी बेरोजगार हो इधर-उधर भटक रहे हैं। इन तमाम सवालों को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी 5 और 6 अक्टूबर को राज्य के सभी समाहरणालयों के सामने जन सत्याग्रह करेगी। जन सत्याग्रह में एक लाख लोगों को शामिल करने की तैयारी हो रही है। इस सिलसिले में 1 से 10 सितम्बर तक राज्यभर में पदयात्रा आयोजित की जायेगी। 11 से 20 सितम्बर तक सात जीप जत्थे राज्य के सभी जिलों में राजनीतिक अभियान चलायेंगी।  बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि 7 नवम्बर को पटना में अक्टूबर समाजवादी क्रांति की शताब्दी के अवसर पर एक भव्य राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया जायेगा। 

कोई टिप्पणी नहीं: