नयी दिल्ली 13 जुलाई, भारत ने चीन द्वारा डोकालम क्षेत्र में सीमा विवाद को लेकर की जा रही भड़काऊ बयानबाज़ी को तरजीह नहीं देने और अपने रुख पर दृढ़ रहने का फैसला किया है, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने आज यहां नियमित ब्रीफिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के उस बयान का भी खंडन किया जिसमें चीनी प्रवक्ता ने कहा था कि हैम्बर्ग में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कोई बातचीत नहीं हुई। श्री बागले ने दोहराया कि दोनों नेताओं के बीच ब्रिक्स बैठक के बाद विभिन्न मुद्दों पर बातचीत हुई थी। यह पूछे जाने कि क्या श्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति के बीच डोकालम क्षेत्र में सैन्य गतिरोध के बारे में बात हुई थी, प्रवक्ता ने कहा, “यह मेरे अधिकार में नहीं है कि मैं यह बताऊं कि दोनों नेताओं ने किन किन मुद्दों पर बात की लेकिन उनके बीच बातचीत हुई है और यह आपकी कल्पना पर छोड़ता हूं कि क्या बात हुई होगी।” जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर चीनी प्रवक्ता के बयान को भी श्री बागले ने तरजीह ना देते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर का मुख्य मुद्दा सीमापार आतंकवाद है जो एक पड़ोसी देश से प्रसारित किया जा रहा है। जहां तक कश्मीर मसले का सवाल है तो भारत का कहना है कि वह पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय बातचीत करने काे तैयार है लेकिन बातचीत आतंक एवं हिंसा के साये में नहीं हो सकती । चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर भारत के रुख को दोहराते हुए श्री बागले ने कहा कि भारत अपने दृष्टिकोण को सही मानता है और उसी पर कायम है। उन्होंने चीनी मीडिया में युद्धोन्मादी बयानों से जुड़े सवालों का जवाब देने से इन्कार कर दिया और कहा कि दोनों देशों के बीच राजनयिक चैनल पहले से ही काम करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम पहले ही इस मुद्दे पर काम कर रहे हैं और हम इस बात को लेकर बहुत आश्वस्त हैं कि हमारा रुख सही है।” उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने समय समय पर स्पष्ट रूप से कहा है कि किस प्रकार से दोनों सरकारें विगत कुछ वर्षों में एक दूसरे के साथ एेसे मुद्दों से निपटती रहीं हैं। भारत ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह किस प्रकार से ऐसे मुद्दों का भविष्य में समाधान करना चाहेगा। श्री बागले ने विदेश सचिव एस. जयशंकर के सिंगापुर में दिये गये व्याख्यान का उल्लेख किया जिसमें उन्होंने अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान श्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति के बीच बनी सहमति के बारे में बात की थी। एक सवाल के जवाब में प्रवक्ता ने कल गृह मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की विपक्ष के नेताओं के साथ होने वाली बैठक की पुष्टि की जिसमें श्रीमती स्वराज चीन के साथ गतिरोध के संबंध उन्हें जानकारी देंगी। इस बैठक में गृह मंत्री जम्मू कश्मीर की स्थिति पर भी विपक्षी नेताओं को जानकारी देंगे। सरकार का कहना है कि वह विपक्षी दलों के साथ चीन तथा जम्मू कश्मीर की स्थिति से निपटने के रोडमैप पर सहमति बनाना चाहती है।
शुक्रवार, 14 जुलाई 2017
चीन के भड़काऊ बयानों से बेपरवाह भारत अपने रुख पर कायम
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