बीजिंग,05 जुलाई, मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शिक्षा के क्षेत्र में अधिक सहयोग बढ़ाने का आग्रह करते हुए आज कहा कि यह सबकी बेहतरी का साधन है और इससे सभी का सशक्तीकरण होता है, श्री जावड़ेकर ने यहां ब्रिक्स देशों के शिक्षा मंत्रियों के पांचवे सम्मेलन के दूसरे दिन कहा कि यह कोई बातचीत का विषय नहीं है बल्कि हर तरह से सहयोग है अौर इसी वजह से शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग इस समय की सबसे बड़ी जरूरत है अौर यह भविष्य की दशा तय करेगा। श्री जावड़ेकर ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में सरकार शिक्षा में सुधार कर रही है और फिर से प्राथमिकताएं तय कर रही है। स्कूली शिक्षा के अंतर्गत सीखने के स्तर पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है और विद्यार्थियों में रचनात्मकता बढ़ाने तथा जिज्ञासा एवं उत्सुकता जगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कौशल निर्माण, शोध , अनुसंधान और नवोन्मेष पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। शिक्षा मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि वंचितों और हाशिए के लोगों को समान अवसर प्रदान करने के लिए छात्रवृत्ति में वृद्धि, शिक्षा ऋण, शुल्क में छूट जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। श्री जावड़ेकर ने शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार के कुछ बड़े निर्णयों का उल्लेख किया। उन्होंने राष्ट्रीय संस्थान श्रेणी फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) का जिक्र करते हुए कहा कि यह भारतीय संस्थाओं को सापेक्ष श्रेणी (रैंकिंग) प्रदान करती है। इसके अतिरिक्त भारत का स्वदेशी एमओओसी प्लेटफॉर्म “स्वयं” (एसडब्ल्यूएवाईएएम) है जो 480 ऑनलाइन पाठ्यक्रम संचालित है और 2000 पाठ्यक्रमों की योजना बना चुका है। उन्हाेंने भारत के शोध कार्यक्रम “इंप्रिंट” का उल्लेख करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम भारत में शोध के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान करता है। इसके अलावा राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी है जो लाख ऑनलाइन संसाधन निःशुल्क उपलब्ध कराता है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय शैक्षणिक भंडार (एनएडी- नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी) और स्मार्ट इंडिया हैकेथॉन हैं जिसके तहत 40 हजार विद्यार्थी विभिन्न स्रोतों से आए 300 समस्याओं का समाधान करते हैं।
गुरुवार, 6 जुलाई 2017
शिक्षा सबकी बेहतरी का साधन: जावड़ेकर
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