नयी दिल्ली, 05 जुलाई, उच्चतम न्यायालय ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाली याचिका को अदालत का समय जाया करने वाली याचिका बताते हुए याचिककर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना बरकरार रखा है। न्यायालय ने याचिककर्ता मिथिलेश कुमार की पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए एक हफ्ते के अंदर जुर्माना देने का आदेश दिया है। दरअसल मिथिलेश ने पिछले साल स्लीपर घोटाले में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच की मांग संबंधी याचिका दाखिल की थी। न्यायालय ने याचिका ख़ारिज करने के साथ-साथ याचिकाकर्ता को बेवजह अदालत का कीमती वक्त बर्बाद करने के लिए एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। गौरतलब है कि इससे पहले सोमवार को भी एक अन्य मामले में शीर्ष अदालत ने कर्नाटक की मिनी विधानसभा को शिफ्ट करने संबंधी याचिका दाखिल करने वाले याचिकाकर्ता के खिलाफ 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।
बुधवार, 5 जुलाई 2017
नीतीश के खिलाफ याचिका दायर करने वाले पर एक लाख रू़ का जुर्माना
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