बिहार में बारिश की रफ्तार थमने से बाढ़ग्रस्त इलाकों में स्थिति सामान्य - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 13 जुलाई 2017

बिहार में बारिश की रफ्तार थमने से बाढ़ग्रस्त इलाकों में स्थिति सामान्य

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पटना 13 जुलाई, बिहार की अधिकतर नदियों एवं सोन के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश की रफ्तार थमने से राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों में जहां स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है वहीं दूसरी ओर कोसी, गंडक और महानंदा के उफान में भी कमी देखी जा रही है। केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार, पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य के अधिकतर जिलों में वर्षा में कमी आई है। इससे कोसी, गंडक और महानंदा के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गयी है। हालांकि जलस्तर में कमी के बावजूद तीनों नदियां अब भी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर हैं। आयोग ने बताया कि कोसी का जलस्तर आज सुबह बलतारा में जहां खतरे के लाल निशान से 79 सेंटीमीटर ऊपर था वहीं दूसरी ओर बसुआ में इसका जलस्तर 11 सेंटीमीटर नीचे दर्ज किया गया। इसी तरह महानंदा का जलस्तर ढ़ेगराघाट में 13 सेंटीमीटर ऊपर था तो झावा में यह 28 सेंटीमीटर नीचे रिकॉर्ड किया गया। गंडक का जलस्तर डुमरियाघाट में 12 सेंटीमीटर ऊपर मापा गया। अगले 24 घंटे के दौरान इन नदियों के जलस्तर में अधिकतर स्थानों पर कमी आने की संभावना जताई गयी है। योजना एवं विकास विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान जमुई जिले में सर्वाधिक 31.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी। जहानाबाद में 18, कैमूर में 15, कटिहार में 14 मिलीमीटर वर्षा हुई है। इसके अलावा राज्य के अधिकतर जिलों में 03 से 10 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गयी है। 


राजधानी पटना में पिछले 24 घंटों के दौरान रुक-रुक कर हो रही बारिश के बावजूद जलजमाव की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया है। राजधानी के कंकड़बाग, राजेन्द्र नगर, बहादुरपुर, भागवत नगर, शास्त्रीनगर, पाटलिपुत्र इलाके में भीषण जलजमाव से लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। सर्वाधिक परेशानी स्कूल जाने वाले छोटे-छोटे बच्चों को रही है। पानी की निकासी नहीं होने से जलजनित बीमारियों के उत्पन्न होने का खतरा बढ़ गया है। बगहा से यहां प्राप्त जानकारी के अनुसार, बीते दो दिनों में नेपाल के जलग्रहरण क्षेत्रों में वर्षा में कमी आने से गंडक नदी के जलस्तर में कमी आई है। पश्चिम चंपारण जिले के भितहा, ठकराहा और मधुबनी एवं पिपरासी प्रखंडों के नीचले इलाकों के बाढ़ प्रभावित करीब 25 गांवों में बाढ़ का पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है। पानी में कमी आने से इन इलाकों में जनजीवन सामान्य हो रहा है। गंडक नदी के किनारे बने पिपरा पिपरासी तटबंध पर कुछ जगहों पर पानी के लगातार दबाव को देखते हुए जल संसाधन विभाग के अभियंताओं को लगाताार चौकसी बरतने के सख्त निर्देश दिये गये हैं। दरभंगा से मिली रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 36 घंटों में बारिश की रफ्तार थमने से दरभंगावासियों ने राहत की सांस ली है। दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हालांकि अभी भी जलजमाव की स्थिति है लेकिन इसमें पिछले दो दिनों के मुकाबले काफी कमी आई है। शहर के कई मुहल्लों में अब भी बारिश का पानी जमा हुआ है जिससे लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कटिहार के प्राप्त समाचार के अनुसार, महानंदा नदी के जलस्तर में कुछ स्थानों पर वृद्धि होने के कारण जिले के प्राणपुर के भगतटोला इलाके में कटाव जारी है। वहीं, कोसी का जलस्तर बढ़ने से कुरसैला सेतु पर दवाब बना हुआ है। अमदाबाद में गंगा नदी के कारण निचले इलाकों में पानी फैल जाने से जूट की फसल को नुकसान हुआ है। पूर्णिया से प्राप्त रिपोर्ट में बताया गया है कि जिले के बायसी अनुमंडल के बायसी, अमोर और बैसा प्रखंड के निचले इलाकों में महानंदा का पानी फैल गया है। जिला प्रशासन की सहायता से इन इलाकों में रहने वाले लोगों को ऊंचे स्थानों पर भेजा गया है। प्रशासन ने लोगों के रहने के लिए शिविर लगाये हैं जिनमें खाने-पीने के सामान के साथ ही जरूरी दवाइयों का इंतजाम भी किया गया है। राहत एवं बचाव के लिए एनडीआरएफ को लगाया गया है। 

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