ईमानदारी की संस्कृति काे बल देता है जीएसटी:मोदी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 30 जुलाई 2017

ईमानदारी की संस्कृति काे बल देता है जीएसटी:मोदी

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नयी दिल्ली 30 जुलाई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी)का अर्थव्यवस्था पर बेहद सकारात्मक असर बताते हुए आज कहा कि यह सिर्फ कर सुधार नहीं है बल्कि एक सामाजिक सुधार अभियान है जिससे अर्थव्यवस्था की मजबूती के साथ साथ ईमानदारी की संस्कृति को भी मजबूती मिलती है। श्री मोदी ने आज आकाशवाणी पर मन की बात कार्यक्रम में कहा ,“ जीएसटी - जिसे मैं ‘गुड एंड सिंपल टैक्स’ कहता हूँ, सचमुच में उसने हमारी अर्थव्यवस्था पर बेहद कम समय में बहुत ही सकारात्मक प्रभाव डाला है। जिस तेज़ी से जीएसटी की अनुपालना हुई है और जिस तेज़ी से पंजीकरण हुए हैं, उससे पूरे देश में एक नया विश्वास पैदा हुआ है। ” उन्होंने कहा कि जीएसटी को लेकर उन्हें देश भर से काफी चिट्ठियाँ मिली और फोन भी आये। गुडगांव से श्रीमती नीतू गर्ग ने फोन पर उनसे पूछा था कि क्या जीएसटी के परिणाम सरकार की अपेक्षा के अनुरूप रहे हैं। श्री मोदी ने कहा ,“ जीएसटी के लागू हुए क़रीब एक महीना हुआ है और उसके फ़ायदे दिखने लगे हैं। मुझे बहुत संतोष होता है, खुशी होती है, जब कोई ग़रीब मुझे चिट्ठी लिख करके कहता है कि जीएसटी के कारण एक ग़रीब की ज़रुरत की चीज़ों में कैसे दाम कम हुए हैं, चीज़ें कैसे सस्ती हुई हैं। व्यापार और आसान हो गया। सबसे बड़ी बात है, इससे ग्राहकों का व्यापारियों के प्रति भरोसा बढ़ने लगा है।” परिवहन और मालवहन क्षेत्र में जीएसटी के प्रभाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सडकों पर ट्रकों की आवाजाही बढी है दूरी तय करने में समय कैसे कम हो रहा है और राजमार्ग पर कम ट्रैफिक जाम हो रहा है। ट्रकों की गति बढ़ने के कारण प्रदूषण भी कम हुआ है। सामान भी बहुत जल्दी से पहुँच रहा है। उन्होंने कहा कि जीएसटी से ये सुविधा तो हुई ही हैं साथ ही आर्थिक गति को भी बल मिला है। पहले अलग-अलग कर ढांचा होने के कारण परिवहन एवं मालवहन क्षेत्र का अधिकतम संसाधन दस्तावेज दुरुस्त करने में लगता था और उसको हर राज्य के अन्दर अपने वेयरहाऊस बनाने पड़ते थे। जीएसटी की सफलता से आशान्वित प्रधानमंत्री का कहना है कि कभी-न-कभी अर्थशास्त्र के जानकार, प्रबंधन और प्रौद्योगिकी के जानकार, देश में जीएसटी के प्रयोग को एक प्रारुप के रूप में शोध करके ज़रूर लिखेंगे। दुनिया के कई विश्वविद्यालयों के लिए यह एक केस स्टडी होगा क्योंकि इतने बड़े पैमाने पर इतना बड़ा बदलाव और इतने करोड़ों लोगों की भागीदारी के साथ इस विशाल देश में उसको लागू करना और सफलतापूर्वक आगे बढ़ना, ये अपने-आप में सफलता के शिखर पर पहुंचने जैसा है। विश्व ज़रूर इस पर अध्ययन करेगा। उन्होंने साथ ही कहा कि सभी राज्यों की जीएसटी में भागीदारी और ज़िम्मेवारी भी है। सारे निर्णय राज्यों ने और केंद्र ने मिल कर सर्वसम्मति से लिये हैं और उसी का परिणाम है कि सबकी एक ही प्राथमिकता रही कि जीएसटी के कारण ग़रीब की थाली पर कोई बोझ न पड़े। श्री मोदी ने कहा कि जीएसटी एेप पर जीएसटी के लागू होने से पहले किस वस्तु की कितनी कीमत थी और नई परिस्थिति में कितनी कीमत होगी ,उसके बारे में सारी जानकारी उपलब्ध है। एक राष्ट्र-एक कर का सपना साकार हुआ। उन्होंने जीएसटी लागू करने में सरकारी तंत्र की प्रतिबद्धता पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि तहसील से लेकर केंद्र तक सरकारी अधिकारियों ने जैसा परिश्रम किया है, जिस समर्पण भाव से काम किया है उससे सरकार तथा व्यापारियों के बीच और सरकार तथा ग्राहकों के बीच जैसा मैत्रीपूर्ण माहौल बना है , उसने विश्वास को बढ़ाने में बहुत बड़ी भूमिका अदा की है। 

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