- वार्ता के मूड में नहीं सिविल सर्जन
पटना। स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कर्मी बेहाल हैं।बदहाली की कहानी कहने पहुंचे पटना जिला के असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डाक्टर गिरीन्द्र शेखर सिंह के गर्दनीबाग स्थित कार्यालय में । कुछ दिनों के अंतराल में दूसरी बार स्वास्थ्य कर्मियों को विशाल रोषपूर्ण प्रदर्शन करना पड़ा। सूई देने वाली मुट्ठी बांधकर नारा लगाते रहे। इनलोगों का दुखरा पटना के सिविल सर्जन सुनने को तैयार नहीं है। तब कार्यालय आये ही नहीं। बड़ा बाबू ही कार्यालय संभालते रहे। समस्या और समाधान सलीब पर अटक गयी। बिहार चिकित्सा एवं जन-स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के आह्वान पर जिला पटना के स्वास्थ्य कर्मियो का रोषपूर्ण प्रदर्शन किया गया। मौके पर 27 जुलाई, 2017 को सभा की गयी।इसकी अध्यक्षता राजेश्वर प्रसाद और मो.आसिफ अध्यक्षमंडल ने संयुक्त रूप से की।
बिहार चिकित्सा एवं जन-स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला कार्यकारी जिला मंत्री अमित कुमार मिश्रा ने सिविल सर्जन गिरीन्द्र शेखर सिंह पर सरकारी आदेश का अनुपालन नहीं करके मनमानी ढंग से कार्य करते हैं।बिहार सरकार के मंत्रिमंडलीय सचिवालय एवं समन्वय विभाग के ज्ञापांक-881 दिनांक 03 जून, 2009 के द्वारा स्थानान्तरण एवं पदस्थापन के संबंध में मनायी गयी नीति तथा निदेशालय, स्वास्थ्य सेवायें,बिहार ,पटना के ज्ञापांक-900 (4) दिनांक 16.05.2008 एवं ज्ञापांक 958 (4) दिनांक 31.05.2013 के द्वारा स्थानान्तरण के लिए निदेशित नियमों के विपरित मनमाने ढंग से एक ही अनुमंडल में महिला लिपिक का स्थानान्तरण करने तथा अधिक दिनों से पदस्थापित कर्मियों को छोड़कर अल्प अवधि के पदस्थापित कर्मियों का स्थानान्तण कर दिया गया। स्थानान्तरित कर्मियों की सूची एक साथ प्रकाशित करने की बजाय खंड-खंड में प्रकाशित करना तथा खंड-खंड में आदेश को संशोधित करना, 6-7 माह से वेतन नहीं मिलने वाली महिला कर्मियों का स्थानान्तण करने,सिविल सर्जन, पटना की स्वेच्छाचारित के नायाम नमूने हैं।
सभा में प्रस्ताव पारितकर सरकार से अविलम्ब सिविल सर्जन,पटना के के द्वारा किये गये अनियमित स्थानान्तरण को रद्द करने एवं विभागीय स्तर पर जांच कराने की मांग की गयी है। इस सभा को संघ के राज्य शाखा के कोषाध्यक्ष शशि कुमार,राज्य के संयुक्त मंत्री सत्येन्द्र प्रसाद, जिला के सम्मानित अध्यक्ष मो० लुकमान,दशरथ साह,दिनेश कुमार,रमेश कुमार आदि ने भी संबोधित किया। अपने संबोधन में नेताओं ने महिला कर्मियों के बकाये वेतन का अभिलम्ब भुगतान करने,आशा,ममता,कुरियर के बकाये प्रोत्साहन राशि सहित योग्यता प्राप्त चतुर्थवर्गीय कर्मियों को तृतीय वर्ग में प्रोन्नति देने,फाइलेरिया कर्मियों की लम्बित समस्याओं का समाधान करने की मांग की गयी। वहीं प्रदर्शन में आने वाली महिला कर्मियों ने कहा कि सरकार के द्वारा विलम्ब से राशि निर्गत करने से बड़ा-छोटा बाबू का बहार जाता है। सिविल सर्जन कार्यालय में आवटन राशि विमुक्त करने के नाम नजराना वसूलने लगते हैं। कार्यालय से ट्रेजरी तक ले जाने के नाम पर मोटी रकम बटोर लेते हैं। सिविल सर्जन के पास स्थानान्तरण/ प्रतिनियुक्ति में हजार से बाजार सजवा लेते हैं। मसलन हर काम का दाम वसूलते रहते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें