नयी दिल्ली 10 जुलाई, इराक के मोसुल शहर के आंतकवादी संगठन आईएसआईएस के चंगुल से आज़ाद होने के साथ ही भारत ने तीन साल पहले इस कुख्यात संगठन द्वारा अपहृत 39 भारतीय नागरिकों का पता लगाने के प्रयास तेज कर दिये हैं और विदेश राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी के सिंह आज इरबिल जा रहे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने यहां संवाददाताओं के इस बारे में सवालों के जवाब में कहा कि आतंकवाद के विरुद्ध वैश्विक संघर्ष में मोसुल का आईएसआईएस के चंगुल से आज़ाद होना एक महत्वपूर्ण बिन्दु है और भारत इसका स्वागत करता है। प्रवक्ता ने कहा कि इराक के प्रधानमंत्री द्वारा मोसुल के आज़ाद होने की घोषणा होते ही सरकार ने अपहृत भारतीयों का पता लगाने के लिये विभिन्न चैनलों को सक्रिय कर दिया है। विदेश राज्य मंत्री जनरल सिंह इराक रवाना हो चुके हैं और वह आज देर शाम इरबिल पहुंच रहे हैं। इराक में भारत के राजदूत और इरबिल में भारत के महावाणिज्य दूत को प्राथमिकता से भारतीयों को ढूंढ़ने का निर्देश दिया गया है। श्री बागले ने बताया कि इराकी अधिकारियों ने कहा है कि वे इस संबंध में पूरा सहयोग देंगे और उनकी ओर से संबंधित इराकी एजेंसियों को इस बारे में आवश्यक दिशानिर्देश दे दिये गये हैं। वर्ष 2014 के मध्य में आईएसआईएस आतंकवादियों ने मोसुल के एक कारखाने में काम करने वाले 39 भारतीय कामगारों का अपहरण कर लिया था। इस लोगों के जीवित रहने को लेकर तरह तरह के कयास लगाये गये हैं लेकिन सरकार ने हमेशा से यह कहा कि उसे विभिन्न स्रोतों के माध्यम से ज्ञात हुआ है कि भारतीय लोग जीवित हैं।
सोमवार, 10 जुलाई 2017
अपहृत 39 भारतीयों का पता लगाने जनरल वी के सिंह इराक रवाना
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