नयी दिल्ली 14 जुलाई, नोटबंदी के दौरान कुल मिलाकर दो लाख रुपये या इससे अधिक राशि बैंक खातों में जमा कराने की जानकारी आयकर रिटर्न में देनी होगी जिसका आयकर विभाग अपने पास उपलब्ध जानकारी से मिलान करेगा। आयकर विभाग ने नोटबंदी के दौरान अधिक धनराशि जमा कराने वालों की पहचान के लिए शुरू किये गये स्वच्छ धन अभियान के दूसरे चरण में 5.56 लाख लोगों की पहचान की है और इन लोगों को ऑनलाइन जवाब देने के लिए कहा है। इस संबंध में यहां जारी बयान में विभाग ने कहा कि नोटबंदी के दौरान कुल मिलाकर दो लाख रुपये या इससे अधिक राशि जमा कराने वाले लोगों को अपने आयकर रिटर्न में इसकी जानकारी देनी होगी जिसका विभाग के पास उपलब्ध जानकारी से मिलान किया जायेगा। करदाताओं को नोटबंदी के दौरान बैंक खातों में जाम राशि का रिटर्न में अवश्य उल्लेख करना चाहिए और कर चुकाने के दौरान भी इसको ध्यान रखा जाना चाहिए। नोटबंदी में जमा करायी गयी पूरी राशि का सच्चाई के साथ रिटर्न में उल्लेख किया जाना चाहिए। विभाग ने बताया कि वित्तीय लेनदेन के स्टेटमेंट से मिली सूचना के आधार पर स्वच्छ धन अभियान के दूसरे चरण में 5.56 लाख लोंगों की पहचान की गयी है। ये वे लोग हैं जिनका कर प्रोफाइल नोटबंदी के दौरान जमा कराये गये रुपये से मेल नहीं खा रहे हैं। विभाग ने कहा कि स्वच्छ धन अभियान के पहले चरण में ई-वेरिफिकेशन के दौरान अपने सभी बैंक खातों की जानकारी नहीं देने वाले 1.04 लाख लोगों की भी पहचान की गयी है। अभियान में पहले चरण में ऐसे 17.92 लाख लोगों की ई-वेरिफिकेशन के लिए पहचान की गयी थी जिन्होंने नोटबंदी के दौरान भारी मात्रा में नकदी जमा कराये थे। इनमें 9.72 लाख लोगों ने ऑनलाइन जबाव दिये थे। विभाग ने कहा कि जिन लोगों और खातों की पहचान की गयी है उनके बारे में आयकर विभाग के ई-फिलिंग पोर्टल पर पैनधारकों के ई-फिलिंग विंडों पर जानकारी उपलब्ध है। पैनधारक ‘कैश ट्रांजेक्शन 2016’ लिंक पर जाकर जानकारी हासिल कर सकते हैं और आयकर विभाग के कार्यालय में आये बगैर आॅनलाइन अपना जबाव दे सकते हैं। जिन लोगों की पहचान की गयी है उन्हें ई-मेल और एसएमएस के जरिये सूचित किया जा चुका है।
शनिवार, 15 जुलाई 2017
रिटर्न में देनी होगी नोटबंदी के दौरान दो लाख रुपये जमा कराने की जानकारी
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