तेजस्वी को लालू ने भ्रष्टाचार में साझेदार बनाकर फंसाया : सुशील मोदी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 13 जुलाई 2017

तेजस्वी को लालू ने भ्रष्टाचार में साझेदार बनाकर फंसाया : सुशील मोदी

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पटना 13 जुलाई, बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को भाजपा ने नहीं बल्कि उनके पिता और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने भ्रष्टाचार में साझेदार बनाकर फंसाया है। श्री मोदी ने यहां कहा कि उप मुख्यमंत्री श्री यादव को भाजपा ने नहीं बल्कि राजद अध्यक्ष एवं उनके पिता ने भ्रष्टाचार में साझेदार बना कर फंसा दिया। उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री श्री यादव ने कल कम से कम इतना तो स्वीकार कर लिया है कि उनके पिता ने वर्ष 2004 में घोटाला किया था। उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति खुद नहीं बल्कि उसकी ईमानदारी का प्रमाणपत्र तो जनता देती है। मंत्री बन जाने से श्री तेजस्वी प्रसाद यादव को इससे पहले के भ्रष्टाचार की माफी नहीं मिल जाती है। भाजपा नेता ने कहा कि वास्तविकता यह है कि यदि श्री लालू प्रसाद यादव ने रेलमंत्री के नाते रेलवे के दो होटलों के बदले डिलाइट मार्केटिंग के माध्यम से राजधानी पटना के सगुना मोड़ इलाके में तीन एकड़ जमीन नहीं ली होती तो श्री तेजस्वी प्रसाद यादव भ्रष्टाचार के मामले में नहीं फंसते। 


श्री मोदी ने कहा कि यदि 26 वर्ष के श्री तेजस्वी प्रसाद यादव को राजद अध्यक्ष ने अपने करीबी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेमचन्द गुप्ता की कम्पनी का साझेदार और सुरसंड से राजद के विधायक अबु दोजाना से सांठगांठ कर उक्त जमीन पर नियम-कानून की अवहेलना कर 750 करोड़ के माॅल का निर्माण नहीं शुरू कराया होता तो वह नहीं फंसते। इसी तरह माॅल की मिट्टी को पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान में नहीं खपाया होता और दिल्ली के पाॅश इलाके न्यू फ्रेंड्स काॅलोनी में 115 करोड़ रुपये की परिसम्पति नहीं खरीदी होती तो उप मुख्यमंत्री श्री यादव पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगता। भाजपा नेता ने कहा कि उप मुख्यमंत्री पद को प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं बना कर जब तक श्री यादव अपने को निर्दोष साबित नहीं कर लेते तब तक के लिए उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्री यादव के इस्तीफा देने के मामले में राजद से जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के बिंदुवार जवाब की मांग के 72 घंटे बीत जाने के बाद भी राजद और उप मुख्यमंत्री इस्तीफा नहीं देने पर अड़े हुए हैं। ऐसे में चार घंटे में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से इस्तीफा लेने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अब और इंतजार करने की बजाय उन्हें अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर देना चाहिए। उल्लेखनीय है कि उप मुख्यमंत्री ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से उनके खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी के बाद राज्य में मचे सियासी घमासान के बीच कल चुप्पी तोड़ते हुये अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को झूठ का पुलिंदा बताया था। साथ ही कहा था कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने गहरी साजिश कर ऐसे मनगढ़ंत मामले में फंसाया हैं जिस दौरान उनकी उम्र केवल 14 साल की थी। 

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