ग्वालियर, 05 जुलाई, मध्यप्रदेश के जनसंपर्क, संसदीय कार्य और जलसंसाधन मंत्री नरोत्तम मिश्रा की ओर से चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ दायर मामले में आज मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ ने सभी पक्षों की ओर से तर्क सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। इसके पहले वकीलों की हड़ताल के चलते श्री मिश्रा ने आज स्वयं अपनी पैरवी की। श्री मिश्रा की ओर से वकील अदालत पहुंचे, लेकिन हड़ताल कर रहे वकीलों ने उन्हें प्रवेश करने से रोक दिया, जिसके बाद श्री मिश्रा ने आयोग के फैसले के खिलाफ अंतरिम राहत दिए जाने संबंधित याचिका पर स्वयं अपनी पैरवी की। उनके खिलाफ चुनाव अायोग में याचिका दायर करने वाले राजेंद्र भारती ने भी खुद ही अपना पक्ष रखा। न्यायाधीश विवेक अग्रवाल की पीठ में चुनाव अायोग की ओर से पेश हुए अधिकारियों ने अपना जवाब पेश किया। सभी पक्षों के तर्क सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। श्री मिश्रा ने आयोग द्वारा उनकी सदस्यता अयोग्य घोषित किए जाने के फैसले के खिलाफ 27 जून को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ में याचिका दाखिल की थी। श्री मिश्रा के पास आयोग के फैसले के खिलाफ अदालत में जाने का विकल्प खुला था। चुनाव आयोग ने श्री मिश्रा को चुनावी खर्च की गलत जानकारी देने के मामले में विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य घोषित करते हुए उनके तीन साल तक चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगा दी है। उनके विरुद्ध कांग्रेस के राजेन्द्र भारती ने 2009 में आयोग के समक्ष एक याचिका दायर कर कहा था कि श्री मिश्रा ने 2008 के विधानसभा चुनाव के खर्चे का सही ब्योरा नहीं दिया है।
बुधवार, 5 जुलाई 2017
वकीलों की हड़ताल के चलते मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने स्वयं की पैरवी, फैसला सुरक्षित
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