भारतीय उच्चायोग के वर्तमान हिन्दी एवं संस्कृति अधिकारी श्री तरुण कुमार ने एक नई शुरूआत करते हुए भारतीय उच्चायोग में एक साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन किया जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रो. विनीता सिन्हा (अंग्रेज़ी विभाग) एवं डॉ. रेखा सेठी (एसोसिएट प्रोफ़ेसर - हिन्दी) ने विशेष तौर से भाग लिया। गोष्ठी के विषय थे "साहित्य में जेण्डर की अवधारणा" एवं "साहित्य की वाचिक परम्परा"। डॉ. सेठी ने जेण्डर की अवधारणा पर अपनी बात रखी और प्रो. सिन्हा ने वाचिक परम्परा पर। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ मीडियाकर्मी श्री कैलाश बुधवार ने की और संचालन स्वयं मैनें यानि कि तेजेन्द्र शर्मा ने। तरुण कुमार जी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।कार्यक्रम में प्रो. श्याम मनोहर पाण्डेय, मोहन राणा (बाथ), डॉ अरुणा अजितसरिया (एमबीई), शिखा वार्ष्णेय, एवं उषा राजे सक्सेना ने आमंत्रित अतिथियों के सामने ख़ासे महत्वपूर्ण सवाल रखे। संचालक के रूप में मैनें स्वयं भी प्रो. सिन्हा एवं प्रो. सेठी से सवाल किये। कुल मिला कर कार्यक्रम सफल रहा और सभी का मानना था कि उच्चायोग को भविष्य में ऐसे और कार्यक्रमों का आयोजन भी करते रहना चाहिये।
बुधवार, 5 जुलाई 2017
भारतीय उच्चायोग में पहली बार साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन।
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