रांची 15 जुलाई, झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने पर्यावरण असंतुलन के खतरे के प्रति आगाह करते हुए आज कहा कि अधिकाधिक वृक्षारोपण कर पर्यावरण को स्वच्छ रखा जा सकता है। श्रीमती मुर्मू ने राजधानी रांची में आयोजित एक समारोह में एक माह तक चलने वाले वृक्षारोपण, जन-स्वास्थ्य एवं स्वच्छता अभियान का शुभारम्भ करते हुए कहा, “झारखंड को झाड़ प्रदेश कहा जाता है लेकिन आज पेड़ कट रहे हैं, जंगल जलाए जा रहे हैं जिससे पर्यावरण असंतुलन का संकट आ पड़ा है। आदिवासी प्रकृति प्रेमी होते हैं। ये अपने उपभोग के लिए जंगल के पेड़ों को नहीं काटा करते। अपने घरों में यदि ये चाहते तो पेड़ों को काट कर अच्छे-अच्छे फर्निचर रख सकते थे लेकिन वे ऐसा नहीं करते।” राज्यपाल ने इस क्षेत्र में कार्यरत संस्था विकास भारती के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि अशोक भगत के मार्गदर्शन में पर्यावरण, जन-स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के अभियान समय-समय पर चलाए जाते हैं जिनका लाभ सीधे गांव के लोगों को मिलता है। बहुत सी सामाजिक संस्थाएं राज्य में कार्य कर रही हैं लेकिन विकास भारती जैसा कार्य किसी का नहीं है। यही कारण है कि राज्य में ही नहीं बल्कि पूरे देश में संस्था को लोग जानते हैं। उन्होंने इस मौके पर विकास भारती के प्रांगण में आम के पौधे का भी रोपण किया। इससे पूर्व राज्यपाल ने रामगढ़, खूँटी, रांची एवं चतरा के जिला समन्वयकों को स्वास्थ्य किट एवं तुलसी का पौधा देकर इस अभियान का विधिवत शुभारम्भ किया। उन्होंने पर्यावरण के क्षेत्र में विकास भारती के कार्यकर्त्ता बन्धन हेमरोम, महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में राखी कुमारी भगत और स्वच्छता के क्षेत्र में रीता कुमारी को शॉल एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
शनिवार, 15 जुलाई 2017
जंगल काटने से बढ़ रहा पर्यावरण असंतुलन : द्रौपदी मुर्मू
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