पटना 20 जुलाई, बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के बड़े घटक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के बीच सियासी घमासान पर कुछ पल के लिए लगे विराम के बाद एक बार फिर से दोनों दलों में असंतोष नजर आ रहा है । महागठबंधन के प्रमुख घटक जदयू के प्रदेश प्रवक्ता एवं विधान परिषद के सदस्य नीरज कुमार ने आज कहा कि महागठबंधन बनाने के लिए उनकी पार्टी ने कुर्बानी दी है । उन्होंने पूर्व मंत्री शिवानंद तिवारी की ओर इशारा करते हुए कहा कि राजद बचाव के लिए दूसरे दलों के नेताओं की आउटसोर्सिंग करना बंद करे । श्री तिवारी कौन होते हैं जवाब देने वाले। राजद को आरोपों पर स्वयं ही सफाई देनी होगी। श्री कुमार ने कहा कि न्यूनतम साझा कार्यक्रम के आधार पर ही महागठबंधन को जनादेश मिला है, जिसमें भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति रही है । आरोप के बचाव के लिए सरकार नहीं होता । उन्होंने कहा कि राजद का यह कहना कि 27 अगस्त को पार्टी की होने वाली रैली में आरोप का जवाब दिया जायेगा, यह उचित नहीं है क्योंकि रैली में राजनीतिक जवाब ही होगा । बिहार के लोगों को जवाब चाहिए और उनकी पार्टी राजद से बिंदुवार तथ्यपरक जवाब की उम्मीद रखती है । जदयू के मुख्य प्रवक्ता एवं विधान परिषद के सदस्य संजय सिंह ने पूर्व मंत्री श्री तिवारी को ‘आस्तीन का सांप’ बताया और कहा कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को भी उन्होंने ‘नटवर लाल’ कहा था । उन्होंने कहा कि श्री तिवारी महागठबंधन में दरार पैदा करना चाहते हैं । वैसे श्री तिवारी किस दल में हैं उन्हें स्पष्ट करना चाहिए। जदयू के ही प्रदेश प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि उनकी पार्टी साजिश नहीं करती बल्कि सीधा सवाल पूछती है । तथ्यपरक जवाब नहीं मिलना महागठबंधन की सेहत के लिए ठीक नहीं है । उन्होंने पूर्व मंत्री श्री तिवारी को ‘दुर्लभ मूर्ख’ बताया और कहा कि उन्होंने (श्री तिवारी) राजद अध्यक्ष श्री यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोनों से ही विश्वासघात किया है। जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि राजद को अपनी हठधर्मिता छोड़नी होगी। लोगों के बीच अबतक राजद की ओर से सफाई नहीं आयी है । उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अपने पुराने रुख पर अभी भी कायम है।
वहीं, महागठबंधन की सरकार में राजद कोटे से वित्त मंत्री अब्दुलबारी सिद्दीकी ने कहा कि पार्टी विधायक दल की बैठक में यह निर्णय लिया जा चुका है कि उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव इस्तीफा नहीं देंगे । पार्टी महत्वपूर्ण है चाहे श्री यादव हों या राजद का कोई विधायक। श्री सिद्दीकी ने कहा कि राजद विधानमंडल दल की बैठक में लिये गये फैसले में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं हुआ है । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बिहार में राष्ट्रपति शासन लगवाना चाहती है लेकिन राजद अध्यक्ष श्री यादव ने भाजपा की इस मंशा पर पानी फेर दिया है । उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि जदयू के जिन नेताओं ने गठबंधन के लिए टिकट की कुर्बानी दी उनका नाम बतायें, वह उन्हें अगरबत्ती दिखायेंगे। वहीं, दूसरी ओर महागठबंधन के अन्य घटक कांग्रेस के विधायक शकील खान ने पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखकर बिहार विधान मंडल के मानसून सत्र से पूर्व महागठबंधन में चल रहे विवाद को समाप्त कराने की मांग की है । वर्तमान समय में कांग्रेस का रुख स्पष्ट होना चाहिए तथा राजद और जदयू का विवाद बैठकर हल किया जा सकता है। राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कुमार और उप मुख्यमंत्री श्री यादव की हुयी बैठक के बाद महागठबंधन के सभी घटक दलों के नेताओं एवं प्रवक्ताओं से यह अपेक्षा की जा रही थी कि वह बयान देते समय सावधानी बरतेंगे । महागठबंधन का गठन निचले पायदान पर बैठे हुए लोगों द्वारा उस ऐतिहासिक समय में किया गया था जब प्रगतिशील राजनीति को कट्टर पंथियों से चुनौती मिल रही थी। श्री झा ने कहा कि पार्टी का शुरू से ही मानना है कि केन्द्रीय जांच ब्यूरो और अन्य एजेंसियों के माध्यम से जो कार्रवाई हो रही है उसकी पटकथा दिल्ली के 11 अशोका रोड (भाजपा मुख्यालय) में लिखी गयी है । पार्टी को उम्मीद है कि महागठबंधन में जो कुछ परेशानी दिख रही है उसका समाधान शीघ्र निकल जायेगा। कांग्रेस के ही विधान परिषद के सदस्य एवं वरिष्ठ नेता दिलीप चौधरी ने मुख्यमंत्री श्री कुमार से जदयू प्रवक्ताओं को बयान देने से रोकने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के बीच हुयी मुलाकात के बाद घटक दलों में बयानबाजी रुकनी चाहिए। उप मुख्यमंत्री श्री यादव पर लगे आरोप को बेबुनियाद बताते हुए उन्होंने कहा कि महागठबंधन तोड़ने की कोशिश की जा रही है।
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